Thursday, February 10, 2011

चवन्नी के बाद अब अठन्नी का नम्बर!


सिक्के पिघलाकर जेवर बनाने वालों की खैर नहीं
सरकार सिक्के पिघलाने को संोय अपराध घोषित करने के साथ अपराधी को 7 साल की सजा देने का प्रावधान करने जा रही
रोशन/एसएनबी नई दिल्ली। सिक्कों की लगातार हो रही कमी से परेशान सरकार दूरगामी निर्णय लेने जा रही है। सरकार धीरे-धीरे सिक्कों का चलन कम करेगी। इस सिलसिले में चवन्नी गायब हो चुकी है। अब सरकार अठन्नी को भी बाजार से वापस लेने पर विचार कर रही है। इसकी वजह है कि सिक्कों की धातु की कीमत उनके फेस वैल्यू से 60-70 प्रतिशत अधिक है। जौहरी उन्हें पिघलाकर आर्टीफिशियल ज्यूलरी बना रहे हैं। सरकार सिक्का पिघलाने को संोय अपराध और अपराधी को 7 साल तक सजा का प्रावधान करने जा रही है। प्रधानमंत्री की अध्यक्षता में बृहस्पतिवार को होने वाली कैबिनेट की बैठक में दो महत्वपूर्ण निर्णय लिए जाने का प्रस्ताव है। एक कोयनेज यानि सिक्का निर्माण बिल-2011 और दूसरा राज्यों को वैट से हुए नुकसान की भरपाई करना। बरसों से देखा जा रहा है कि बाजार में आए दिन सिक्कों की कमी हो जाती है। करीब 10-12 साल पहले महानगरों में सिक्कों की भारी किल्लत हो गई थी जबकि दुकानदारों, बस कंडक्टरों को वापसी में सिक्के के बदले कागज के टुकड़े पर पैसे लिखकर देना होता था और कमाल था कि वह प्रथा चलन में आ गई थी। जब सरकार को आनन-फानन में विदेशों से बड़ी मात्रा में धातु का आयात करना पड़ा। सिक्कों की कमी तो पूरी हुई लेकिन लेकिन एक बात और सामने आई कि सुनार वर्ग सिक्कों को पिघलाकर लौंग, कान के टॉप्स, नैकलेस की चाबियां और आर्टिफिशियल ज्यूलरी बना जा रहा है। इस बाबत मथुरा में सिक्के पिघलाते हुए कुछ लोग पकड़े भी गए थे। सूत्रों के अनुसार सरकार सिक्का निर्माण से जुड़े पुराने कानून को वापस लेगी। जिसमें चांदी, ताबें के सिक्के बनाने का प्रावधान है। सरकार धीरे-धीरे सिक्कों को बाजार से खत्म करेगी। वैसे इसकी शुरुआत 25 पैसे के सिक्के से हो गई है। अब 50 पैसे के सिक्कों का नम्बर है। सरकार सिक्के पिघलाने को संोय अपराध घोषित करने जा रही है और अपराधी को 7 साल की सजा देने का प्रावधान करने जा रही है। सरकार को अधिकार होगा कि वह सिक्के कब ढलवाए ,कब वापस ले और विदेशों से भी सिक्के बनवाकर मंगाने काअधिकार होगा। 1998 के बाद से सिक्कों के लिए उपयोग होने वाली धातु का आयात नहीं किया गया है। वर्ष 2010 में सरकार को 6285 लाख सिक्के बनवाने पड़े थे।

2 comments:

  1. ज्ञानवर्द्धक पोस्ट. आभार...
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