Sunday, November 4, 2012

विकास दर में गिरावट का दौर खत्म



गुड़गांव, प्रेट्र : योजना आयोग के उपाध्यक्ष मोंटेक सिंह अहलुवालिया ने अनुमान जताया है कि आर्थिक विकास दर में गिरावट का सिलसिला अब थम चुका है। अहलूवालिया ने कहा कि चालू वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही में अर्थव्यवस्था में सुधार के संकेत मिले हैं। सीआइआइ के इन्वेस्ट नार्थ सम्मेलन में उन्होंने कहा कि पिछले वित्त वर्ष की अंतिम तिमाही में आर्थिक विकास दर 5.3 फीसद रही थी, जो चालू वर्ष की पहली तिमाही में बढ़कर 5.5 फीसद हो गई। इसलिए यह कहा जा सकता है कि अर्थव्यवस्था में गिरावट का दौर समाप्त हो गया है। जनवरी-मार्च तिमाही में अर्थव्यवस्था की विकास दर नौ साल के निचले स्तर पर पहुंच गई थी। इसके बाद अगली तिमाही में अर्थव्यवस्था में कुछ सुधार दर्ज किया गया। सितंबर में देश के आठ प्रमुख उद्योगों की वृद्धि दर पिछले साल के मुकाबले लगभग दोगुनी होकर 5.1 फीसद पर पहुंच गई। कोयला, सीमेंट का उत्पादन और पेट्रोलियम पदार्थो की रिफाइनिंग बढ़ने से यह तेजी दर्ज की गई है। इसके अलावा औद्योगिक उत्पादन की दर में 2.7 फीसद की वृद्धि हुई है। इससे पहले दो माह तक इसमें गिरावट दर्ज की गई थी। मोंटेक ने कहा कि अर्थव्यवस्था में सुधार के लिए उठाए गए सरकार के कदमों से विश्वास बढ़ा है। इसके परिणाम जनवरी से मिलने शुरू हो जाएंगे। सरकार पर निर्णय लेने में देरी के आरोपों के संबंध में योजना आयोग के उपाध्यक्ष ने कहा कि अधिकारी निर्णय लेने में अत्यधिक सतर्कता बरत रहे हैं इससे विकास दर प्रभावित हो रही है। केंद्र सरकार निर्णय लेने में देरी के सभी कारणों को दूर करने के उपाय कर रही है। इस काम में निजी क्षेत्र को सरकार की मदद करनी चाहिए। अहलुवालिया ने कहा कि विकास प्रक्रिया में ऊर्जा क्षेत्र की अहम भूमिका होती है। सरकार को उम्मीद है कि बिजली संयंत्रों को कोल लिंकेज और ईंधन सप्लाई उपलब्ध कराने संबंधी सभी मसलों को इस साल के अंत तक हल कर लिया जाएगा। उन्होंने कहा कि रसोई गैस की कीमतों में वृद्धि का फैसला वापस लेना सुधारों की प्रक्रिया में किसी बदलाव का संकेत नहीं है।
1.       Dainik Jagran National Edition 4-11-2012 vFkZO;oLFkk)Page -11

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