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नई दिल्ली (एजेंसी)। अर्थव्यवस्था की गति में सुधार की धीमी गति को देखते हुए योजना आयोग 12वीं पंचवर्षीय योजना (2012-17) के दौरान औसत वार्षिक आर्थिक वृद्धि दर का लक्ष्य घटाकर 8.2 फीसद करने का प्रस्ताव कर सकता है। पहले इसने अगली योजना में वृद्धि दर नौ फीसद वृद्धि रखने का अनुमान लगाया था। सूत्रों ने यहां कहा ‘समिति 12वीं योजना के लिए 8.2 फीसद की सालाना आर्थिक वृद्धि दर के लक्ष्य का प्रस्ताव करेगी। प्रधानमंत्री की अध्यक्षता में 15 सितम्बर को होने वाली पूर्ण योजना आयेग की बैठक में इस मामले पर र्चचा होगी।’ प्रस्ताव के मुताबिक आयेग 12वीं योजना (2016-17) के आखिरी साल में नौ फीसद की वृद्धि प्राप्त करने का लक्ष्य रखेगा। पूर्ण योजना आयोग द्वारा वृद्धि के लक्ष्य को स्वीकृति प्रदान करने के बाद इसे केंद्रीय मंत्रिमंडल की मंजूरी मिलेगी और फिर इसे अंतिम स्वीकृति के लिए देश की निर्णय करने वाली सर्वोच्च संस्था राष्ट्रीय विकास परिषद (एनडीसी) के सामने रखा जाएगा। एनडीसी के अध्यक्षता प्रधानमंत्री हैं और इसमें सभी राज्यों के मुख्यमंत्री और केंद्रीय मंत्रिमंडल शमिल हैं। पंचवर्षीय योजना को अंतिम स्वरूप देने से जुड़ी यह सर्वोच्च संस्था है। एनडीसी द्वारा स्वीकृत 12वीं योजना के दृष्टिकोण पत्र में आयोग ने पांच साल की अवधि के दौरान नौ फीसद सालाना औसत वृद्धि दर का अनुमान जाहिर किया था। वैश्विक और घरेलू मुश्किलों के कारण इस लक्ष्य को घटाया जा रहा है। नरमी बरकरार रहने के मद्देनजर भारत की अर्थव्यवस्था ने मुख्य तौर पर विनिर्माण, खनन और कृषि क्षेत्र में खराब प्रदर्शन के कारण अप्रैल से जून की तिमाही में 5.5 फीसद की वृद्धि दर्ज की। जबकि 2011- 12 की इसी तिमाही में वृद्धि दर आठ फीसद थी। इससे पहले पिछले वित्त वर्ष की जनवरी-मार्च,12 की अवधि में वृद्धि दर नौ साल के न्यूनतम स्तर 5.3 फीसद थी। वित्त वर्ष 2011-12 और 11वीं योजना के आखिरी साल में आर्थिक वृद्धि दर घटकर नौ साल के न्यूनतम स्तर 6.5 फीसद पर आ गईे
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