मेरठ महानायक अमिताभ बच्चन की तरह अब अर्थशास्ति्रयों ने भी यह बात स्वीकार कर ली है कि यूपी में है दम। वर्ल्ड इन्वेस्टर रिपोर्ट (डब्ल्यूआइआर) के पोटेंशियल इंडेक्स के मुताबिक यूपी में निवेश के लिए बेहतर माहौल मौजूद है। हालांकि तस्वीर का नकारात्मक पहलू यह है कि बेहतर माहौल के बावजूद प्रदेश में विदेशी पूंजी निवेश लगभग नगण्य है। जबकि कई छोटे और कम बेहतर सुविधाओं वाले प्रदेश में अधिक निवेश हो रहा है। विभिन्न आर्थिक मानकों की गणना के आधार पर पाया गया है कि यूपी का एफडीआइ- पीआइ इंडेक्स 0.37 है जो कि कर्नाटक और पश्चिम बंगाल जैसे राज्यों के बराबर है। मगर प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआइ) का केवल 1.9 प्रतिशत हिस्सा ही उत्तर प्रदेश में निवेश होता है। जबकि समान पीआइ इंडेक्स वाले कर्नाटक में एफडीआइ का 8.9 फीसदी और पश्चिम बंगाल में 2.9 फीसदी हिस्सा निवेश होता है। यह स्थिति सूबे के लिए चिंता का सबब है। सकारात्मक परिस्थितियों के बावजूद कम एफडीआइ के कारणों की पहचान के लिए चौधरी चरण सिंह विश्र्वविद्यालय के अर्थशास्त्री शोध कर रहे हैं। अर्थशास्त्री डॉ. दिनेश कुमार का कहना है कि अनुकूल परिस्थितियों के बावजूद प्रदेश में एफडीआइ नहीं आने के कारण खोजने का हम प्रयास कर रहे हैं। शोध चल रहा है। हालांकि अभी तक वह किसी निष्कर्ष पर नहीं पहुंचे हैं।
रवि प्रकाश तिवारी, दैनिक जागरण (राष्ट्रीय संस्करण), 10 जुलाई, 2011
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