: सरकार ने 122.79 करोड़ रुपये के प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआइ) के 18 प्रस्तावों को मंजूरी दी है। इनमें पिपावाव डिफेंस एंड ऑफशोर इंजीनियरिंग का प्रस्ताव भी शामिल है। हालांकि वोडाफोन में एस्सार की हिस्सेदारी बेचने के प्रस्ताव पर निर्णय टाल दिया गया है। वित्त मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि विदेशी निवेश संवर्द्धन बोर्ड (एफआइपीबी) ने कुल 39 एफडीआइ प्रस्तावों पर विचार किया है। इसमें से 16 प्रस्तावों पर फैसला टाला गया है। जबकि चार प्रस्ताव खारिज किए गए हैं और एक आवेदक को भारतीय रिजर्व बैंक से संपर्क करने के लिए कहा गया है। एफआइपीबी की पांच अगस्त को हुई बैठक में पिपावाव डिफेंस ऑफशोर इंजीनियरिंग कंपनी के 81.62 करोड़ रुपये के विदेशी निवेश प्रस्ताव को मंजूरी दी गई। आर्थिक मामलों के सचिव आर गोपालन की अगुवाई वाले एफआइपीबी ने एयर वर्क्स इंडिया (इंजीनियरिंग) के भारतीय विमानन कंपनियों में 17.77 करोड़ रुपये के निवेश प्रस्ताव को भी मंजूरी दी। बयान में कहा गया कि वॉल्ट डिज्नी कंपनी के भारत में प्रसारण और डाउनलिंकिंग क्षेत्र में अतिरिक्त गतिविधियों के आवेदन को भी स्वीकार कर लिया गया। इसके अलावा डिश टीवी के शेयरों के हस्तांतरण से अतिरिक्त विदेशी निवेश जुटाने के प्रस्ताव को भी मंजूर किया गया है। गुजरात की ओम पाइल प्राइवेट लिमिटेड के 5.85 करोड़ रुपये के एफडीआइ प्रस्ताव को भी मंजूरी मिल गई है। हालांकि बोर्ड ने दूरसंचार कंपनी वोडाफोन एस्सार में मॉरीशस की दो कंपनियों द्वारा 5.48 प्रतिशत हिस्सेदारी 2,700 करोड़ रुपये में खरीदने के प्रस्ताव पर फैसला टाल दिया है। बोर्ड ने दूरसंचार क्षेत्र में विभिन्न गतिविधियों के संचालन के लिए भारतीयों के शेयर अप्रवासी भारतीयों को हस्तांतरित करने के प्रस्ताव को टाल दिया है। साथ ही एस्सार कैपिटल होल्डिंग्स (इंडिया) द्वारा दूरसंचार क्षेत्र की एक कंपनी में नई हिस्सेदारी खरीदने के प्रस्ताव पर भी फैसला टाल दिया है। पिछली बैठक में एफआइपीबी ने 3,844.7 करोड़ रुपये के 31 एफडीआइ प्रस्तावों को मंजूरी दी थी। बोर्ड विदेशी निवेश के प्रस्तावों को सिंगल विंडों सिस्टम के जरिए मंजूरियां प्रदान कर रहा है। बोर्ड की अगली बैठक दो सितंबर को प्रस्तावित है।
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