Tuesday, August 16, 2011

अविकसित व उपेक्षित है हेलीकॉप्टर सेवा उद्योग


नई दिल्ली संचालन संबंधी बुनियादी ढांचे एवं प्रशिक्षण सुविधाओं की कमी की वजह से देश में हेलीकॉप्टर सेवाओं का समुचित विस्तार नहीं हो पा रहा है। अभी भी ज्यादातर वीआइपी उड़ानों के लिए ही हेलीकॉप्टरों का उपयोग हो रहा है। जबकि चिकित्सा और पर्यटन जैसे कई क्षेत्रों में इनके इस्तेमाल की भरपूर संभावनाएं हैं। संसद में पेश परिवहन, पर्यटन एवं संस्कृति संबंधी स्थायी समिति की रिपोर्ट में इस ओर सरकार का ध्यान आकर्षित किया गया है। समिति के मुताबिक इतने बड़े देश में महज 263 हेलीकॉप्टर हैं। इन्हें भी करीने से उड़ाने वालों की कमी है। ज्यादातर हेलीकॉप्टर बाहर से आयात होते हैं। इनकी मरम्मत और रखरखाव के इंतजाम भी अधूरे हैं। हेलीकॉप्टर पायलटों को प्रशिक्षण देने के लिए देश में राष्ट्रीय स्तर की एक भी अकादमी नहीं है। यह काम हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स की आंतरिक अकादमी के भरोसे चलाया जा रहा है। फिलहाल देश में नान शिड्यूल्ड ऑपरेटर परमिट के तहत 169 हेलीकॉप्टर वाणिज्यिक तौर पर संचालित हो रहे हैं। इसके अलावा 44 हेलीकॉप्टर सरकार और पीएसयू के स्वामित्व में हैं। जबकि 50 निजी क्षेत्र के तहत संचालित हो रहे हैं। इनमें 129 हेलीकॉप्टर एक (सिंगिल) इंजन, जबकि 134 दो (ट्विन) इंजन वाले हैं। इनमें से महज 18 हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स के बनाए हैं। जबकि 109 बेल हेलीकॉप्टर्स अमेरिका के, 60 यूरोकॉप्टर फ्रांस के, 28 ऑगस्टा-बेल/वेस्टलैंड इटली के और 44 अन्य विभिन्न कंपनियों (राबिन्सन, सिको‌र्स्की, एन्स्ट्राम, एमआइ-172, एमडी व शेवियर) के हैं। हेलीकॉप्टरों का संचालन विभिन्न नियम-कायदों के तहत होता है जिनमें एयरक्राफ्ट एक्ट, 1937 और समय-समय पर जारी सिविल एविएशन रिक्वायरमेंट्स (सीएआर) के नियम शामिल हैं। मगर मरम्मत एवं रखरखाव, प्रशिक्षण संबंधी संस्थानों और अकादमियों की कमी के कारण इनका समुचित पालन नहीं होता। आज की तारीख में देश में केवल एक हेलीकॉटर पायलट ट्रेनिंग अकादमी है जो सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनी एचएएल के स्वामित्व में है। कुछ समय पहले ही उड्डयन महानिदेशालय (डीजीसीए) ने पीएचएचएल नामक कंपनी को पुणे में एक प्रशिक्षण अकादमी खोलने का प्रस्ताव दिया है। इसके अलावा गोंदिया (महाराष्ट्र) में एक राष्ट्रीय स्तर की पायलट अकादमी खोलने का प्रस्ताव है जहां हेलीकॉटर पायलटों को ट्रेनिंग दी जाएगी। हेलीकॉप्टर पायलटों की ट्रेनिंग में शुरू में सिमुलेटर का प्रयोग किया जाता है। दिल्ली में निजी क्षेत्र का एक फिक्स सिमुलेटर है। जबकि बड़े स्तर का सिमुलेटर बेंगलूर में एचएएल-सीएई के संयुक्त उद्यम के तहत हाल में लगाया गया है। इसके अलावा डीजीसीए ने हेलीकॉप्टरों की मरम्मत एवं रखरखाव के लिए भी कुछ ट्रेनिंग इंस्टीट्यूट को मंजूरी दी है। समिति के मुताबिक आने वाले समय में देश में हेलीकॉप्टरों का इस्तेमाल कई गुना बढ़ने वाला है क्योंकि इनके उपयोग के नए क्षेत्र खुल रहे हैं। खासकर आपात चिकित्सा और पर्यटन में बड़ी संभावनाएं हैं। लिहाजा इस क्षेत्र के विस्तार के लिए पीएसयू और राज्य सरकारों की भी मदद ली जानी चाहिए।


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