अमेरिका ने एक बार फिर अपने आर्थिक संकटों के लिए भारत और चीन को जिम्मेदार ठहराया है। अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा ने शुक्रवार को कहा कि भारत और चीन में तेल की मांग बढ़ने से इसकी कीमतों में भारी उछाला आया है। ओबामा ने यह बात वर्ष 2017 में लागू होने वाले नए ऑटो ईंधन मानकों की घोषणा करते हुए शुक्रवार को एक कार्यक्रम के दौरान कही। अमेरिकी राष्ट्रपति ने कहा कि तेल की कीमतों में होने वाली वृद्धि दशकों से हमारी अर्थव्यवस्था को कमजोर कर रही है। भारत और चीन में तेल की लगातार बढ़ती मांग समस्या को और बदतर बनाएगी। अमेरिका अपने वाहनों की ईंधन क्षमता में सुधार करने की योजना पर काम कर रहा है। इसके तहत वर्ष 2025 तक वाहनों की ईंधन क्षमता 54.5 मील प्रति गैलन करने का लक्ष्य है। ओबामा ने कहा कि तेल की मांग आपूर्ति की तुलना में लगातार बढ़ रही है। इसका मतलब है, जब तक हम तेल पर निर्भरता के संबंध में खुद कुछ नहीं करते, तेल के दामों में तेजी जारी रहेगी। ओबामा ने माना कि इस समस्या को रोकने के लिए कोई शॉर्टकट नहीं है, लेकिन कुछ ऐसे कदम हैं जिन्हें अपनाने से ऊर्जा के लिए दूसरे देशों पर अमेरिका की निर्भरता कम होगी। ओबामा ने कहा कि वर्तमान में हमें अपनी ऊर्जा जरूरतों को पूरा करने के लिए अपने घर में सुरक्षित तेल उत्पादन की जरूरत है। उन्होंने बताया कि अगले पांच साल में ईंधन क्षमता को बढ़ाने के लिए वर्ष 2009 में ऑटो कंपनियों से किया गया करार आगे बढ़ेगा। अमेरिकी सरकार की योजना फोर्ड, जीएम, क्रिसलर, बीएमडब्लयू, होंडा, हंुडई और वोल्वो जैसी ऑटो कंपनियों का समर्थन करने का है। ये कंपनियां लगातार कम ईंधन में ज्यादा लंबी दूरियां तय करने वाली कारें बना रही हैं। व्हाइट हाउस के मुताबिक, इनके वाहनों की 90 फीसदी से अधिक बिक्री संयुक्त राज्य अमेरिका में है। ओबामा ने कहा कि ईंधन मानकों पर यह योजना दूसरे देशों पर तेल के लिए हमारी निर्भरता कम करने में अब तक का सबसे महत्वपूर्ण कदम है।
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