बढ़ते खर्चो के बीच कमाई बढ़ाने की गरज से रेलवे ने माल भाड़ा छह फीसदी बढ़ा दिया है। इससे उपभोक्ताओं को इन वस्तुओं की ज्यादा कीमत चुकानी होगी। सभी तरह के माल के लिए की गई यह बढ़ोतरी शनिवार से लागू हो जाएगी और जून, 2012 तक प्रभावी रहेगी। इस संबंध में रेलवे ने एक सर्कुलर जारी किया है। सर्कुलर के मुताबिक, अधिकतर वस्तुओं के लिए व्यस्त सीजन चार्ज मौजूदा 7 से बढ़ाकर 10 फीसदी कर दिया गया है। वहीं, सभी सामानों के लिए विकास शुल्क 2 से बढ़ाकर 5 फीसदी किया गया है। इस तरह दोनों में तीन-तीन फीसदी की बढ़ोतरी से ग्राहकों पर कुल छह फीसदी का भार पड़ेगा। रेलवे का गैर-व्यस्त मौसम 1 जुलाई से 30 सितंबर तक रहता है। उद्योग जगत ने आशंका जताई है कि माल भाड़े में इस बढ़ोतरी से महंगाई और भड़केगी, जबकि रेलवे ने अपने इस कदम को उचित ठहराया है। रेल मंत्रालय के एक अधिकारी ने कहा कि तीन सालों में स्टील, ईधन और ऊर्जा के दाम कई गुना बढ़े हैं। इसकी वजह से बढ़े खर्च की भरपाई के लिए ही रेलवे ने यह कदम उठाया है। वित्तीय संकट का सामना कर रहे रेलवे ने वित्त मंत्रालय से 2,100 करोड़ रुपये का कर्ज भी मांगा है। उसके पास फिलहाल महज 75 लाख रुपये का नकद रिजर्व रह गया है।
No comments:
Post a Comment