Wednesday, September 21, 2011

चालू वर्ष में रिकॉर्ड उत्पादन करेगी भेल

चीन से मिल रही चुनौती से निपटने के लिए सरकारी की इंजीनियरिंग कंपनी भारत हैवी इलेक्टि्रकल्स लिमिटेड (भेल) अब आक्रामक रणनीति अपनाते हुए अपनी कारोबारी गतिविधियों में तेजी ला रही है। कंपनी मौजूदा वित्त वर्ष में 20,000 मेगावाट की बिजली परियोजनाओं से उत्पादन शुरू करेगी और इतनी ही क्षमता के बिजली उपकरणों का उत्पादन करेगी। भेल के अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक बीपी राव ने कंपनी की 47वीं वार्षिक आम बैठक में यह जानकारी दी। भेल ने वर्ष 2010-11 में कुल 9,444 मेगावाट क्षमता की बिजली परियोजनाओं से उत्पादन शुरू किया था। यह उत्पादन कंपनी का एक वर्ष में शुरू किया गया सबसे ज्यादा उत्पादन था। राव ने कहा कि भेल क्रियान्वयन की अपनी क्षमता में लगातार सुधार कर रही है। कंपनी इसके लिए उपकरणों की आपूर्ति करने वालों की संख्या बढ़ाने, उन्नत विनिर्माण कार्य करने और सूचना प्रौद्योगिकी के और अधिक उपयोग पर जोर दे रही है। इसके अलावा कंपनी रेट कांट्रेक्ट, आउटसोर्सिंग बढ़ाने, ज्यादा उपकरण व संयंत्र काम पर लगाने, इंटरनेट के जरिए खरीद और परियोजना प्रबंधकों के अधिकार बढ़ाने जैसी रणनीतियां अपना रही है। भेल देश में बिजली परियोजनाओं के लिए उपकरण बनाने वाली सबसे बड़ी कंपनी है। देश की कुल स्थापित क्षमता में इसका 57 फीसदी योगदान रहा है। कंपनी की कारोबारी रणनीति के बारे में राव ने कहा कि क्षमता विस्तार का काम आगे भी जारी रहेगा इसके लिए अधिग्रहण की रणनीति भी अपनाई जाएगी। भेल ने वर्ष 2008 में सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनी भारत हैवी प्लेट्स एवं वेसल्स (बीएचपीवी) का अधिग्रहण किया था। इसके अलावा कंपनी ने केईएल केरल की कसरगोड़ इकाई में भी 51 फीसदी हिस्सेदारी खरीदी है। केंद्र सरकार ने हाल में ही भेल की पांच फीसदी हिस्सेदारी सार्वजनिक निर्गम के जरिए बेचने का फैसला किया है। फिलहाल भेल में सरकार की 67.72 फीसदी हिस्सेदारी है। वित्त वर्ष 2010-11 में भेल की आय 27 फीसदी बढ़कर 43,337 करोड़ रुपये रुपये हो गई। इस दौरान कंपनी का कर पूर्व लाभ 9006 करोड़ रुपये रहा। बढ़ती प्रतिस्पर्धा के बावजूद कंपनी को देश-विदेश से 60,507 करोड़ रुपये के ऑर्डर मिले। कंपनी को इस वर्ष 24 देशों से कुल 3,738 करोड़ रुपये के उपकरण और मशीनों की आपूर्ति के ऑर्डर मिले। इस दौरान कंपनी को हांगकांग और तुर्की से सोलर सेल के ऑर्डर भी मिले। राव ने कहा कि कंपनी के निर्यात बाजार की संभावनाओं को लेकर असमंजस की स्थिति बनी हुई है

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