Thursday, September 29, 2011

अमीर ज्यादा टैक्स देने को तैयार रहें : चिदंबरम


2जी स्पेक्ट्रम घोटाले की आंच झेल रहे केंद्रीय गृह मंत्री पी चिदंबरम ने अमीरों से ज्यादा टैक्स वसूले जाने की वकालत की है। देश के विकास के लिए ज्यादा संसाधनों की जरूरत है। इसके लिए आवश्यक है कि राजस्व में बढ़ोतरी हो। हालांकि उन्होंने माना कि अधिकांश लोग इस बात से सहमत नहीं होंगे कि धनवान लोगों पर ज्यादा टैक्स लगे। बुधवार को यहां अखिल भारतीय प्रबंधन संघ (आइमा) के सालाना समारोह को संबोधित करते हुए चिदंबरम ने कहा कि संसाधनों में कमी के रुझान को रोकने के लिए कर राजस्व बढ़ाना होगा। भले ही लोग उनकी इस बात को पसंद न करें, लेकिन इसके बावजूद वो इस तरह का वक्तव्य देने का साहस दिखा रहे हैं। हालांकि चिदंबरम ने ही मई, 2004 से नवंबर, 2008 तक वित्त मंत्री रहते हुए टैक्स की दरों में कमी की थी। इस अवधि के लिए उन्हें स्वप्निल बजट पेश करने वाले वित्त मंत्री के तौर पर भी याद किया जाता है। उन्होंने स्वीकार किया, मैं ही वह वित्त मंत्री था, जिसने टैक्स की दरों में कमी की थी। इसलिए अब आपको ऊंची दर पर टैक्स देने के लिए भी तैयार रहना चाहिए, विशेष तौर पर धनी लोगों को ज्यादा टैक्स देने के लिए तैयार रहना चाहिए। यूरोप में धनी लोग खुद ज्यादा टैक्स देने की पेशकश कर रहे हैं। चिदंबरम का यह वक्तव्य राष्ट्रपति बराक ओबामा की उस सोच से मेल खाता है, जिसमें उन्होंने अमेरिका को संकट से उबारने के लिए वहां के धनी लोगों से ज्यादा टैक्स देने की अपील की है। चिदंबरम ने कहा कि नए बजट की तैयारियां शुरू हो गई हैं। लिहाजा कौन सा टैक्स बढ़े, इस बारे में चर्चा करने का यह उचित समय नहीं है। मगर इस बात पर गंभीरता से सोचना चाहिए कि देश के कर राजस्व को किस तरह से बढ़ाया जा सकता है।

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