Monday, April 16, 2012

एयर इंडिया के पुनरुद्धार पैकेज को मंजूरी


सरकार ने घाटे, कर्ज और नकदी संकट से जूझ रही एयर इंडिया की पुनरुद्धार योजना (टीएपी) और वित्तीय पुनर्गठन योजना (एफआरपी) को मंजूरी दे दी है। इसके तहत सरकार वर्ष 2020 तक कंपनी में 30,231 हजार करोड़ का इक्विटी निवेश करेगी। इसमें 4,000 करोड़ रुपये का निवेश चालू वित्त वर्ष में होगा। साथ ही बोइंग ड्रीमलाइनर विमानों की खरीद को हरी झंडी दी गई है। कैबिनेट मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति (सीसीईए) की गुरुवार को हुई बैठक में एयरलाइनों में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश के प्रस्ताव को अगले हफ्ते के लिए टाल दिया गया। पुनरुद्धार पैकेज के लागू होने से इस साल एयर इंडिया का इक्विटी आधार बढ़कर 7,345 करोड़ रुपये हो जाएगा। वहीं, अगले महीने से कंपनी को बोइंग ड्रीमलाइनर-787 विमान मिलने शुरू हो जाएंगे। इस सरकारी एविएशन कंपनी ने वर्ष 2005 में बोइंग को 27 ड्रीमलाइनर विमानों का आर्डर दिया था। इनमें से पहला विमान अगले महीने मिलने की उम्मीद है। पहले इनकी डिलीवरी वर्ष 2009 में शुरू होनी थी, लेकिन कुछ समस्याओं के चलते अमेरिकी विमान कंपनी बोइंग ने आपूर्ति टाल दी थी। भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआइ) के नेतृत्व वाले 19 बैंकों के समूह ने पिछले महीने एयर इंडिया के लिए वित्तीय पुनर्गठन पैकेज को मंजूरी दी थी। इसके तहत कंपनी 18 हजार करोड़ रुपये के कर्ज की अदायगी का नया शिड्यूल तय करने के लिए सरकार को 4000 करोड़ रुपये की नई इक्विटी डालनी थी। सीसीईए का ताजा फैसला उसी कड़ी में है। एफआरपी से एयर इंडिया को कार्यशील पूंजी का कर्ज अदा करने में ब्याज और समय की बड़ी राहत दी गई है। एफआरपी के तहत एयर इंडिया ने इस साल 31 मार्च को बैंकों के साथ चार समझौते किए थे। इनमें समग्र पुनर्गठन के अलावा कार्यशील पूंजी के पुनर्गठन और फैसिलिटी एजेंटों व ट्रस्टियों की नियुक्ति करने संबंधी के समझौते शामिल थे। कंपनी के 10,500 करोड़ के कार्यशील पूंजी कर्ज को दीर्घकालिक ऋण में तब्दील किया जाना है। इस कर्ज पर 11 फीसदी की दर से ब्याज देय होगा। इससे एयर इंडिया को चालू वित्त वर्ष में ही तकरीबन 1,000 करोड़ की बचत होगी। इसके अलावा निवेशकों के लिए 7,400 करोड़ रुपये के सरकारी गारंटीशुदा नॉन कन्वर्टिबल डिबेंचर जारी किए जाएंगे। इससे प्राप्त राशि का उपयोग एयर इंडिया कर्ज की अदायगी में करेगी। कार्यशील पूंजी में से 3,500 करोड़ का पुनर्गठन कैश-क्रेडिट व्यवस्था के तौर पर किया जाएगा। सरकार बीते तीन वित्त वर्ष के दौरान एयर इंडिया में कुल 3,200 करोड़ का इक्विटी निवेश कर चुकी है। बनेगी अलग कंपनी नागरिक विमानन मंत्री अजित सिंह ने संवाददाताओं को बताया कि पुनरुद्धार के तहत एयर इंडिया के 7,000 कर्मचारियों को इंजीनियरिंग विभाग में भेजा जाएगा। इसके अलावा विमानों की मरम्मत एवं रखरखाव (एमआरओ) के लिए अलग से एक कंपनी बनाई जाएगी। यह दूसरी एयरलाइनों को भी अपनी सेवाएं देगी।

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