Friday, September 7, 2012

राजनीतिक उठापटक से बिगड़ेगी अर्थव्यवस्था



ठ्ठ जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली कोयला विवाद को लेकर जारी राजनीतिक उठापटक से इंडिया इंक सहमा हुआ है। उद्योग जगत को ऐसा लग रहा है कि अगर सत्ता पक्ष और विपक्ष कोयला विवाद को लेकर यूं ही राजनीति करने में फंसे रहे तो देश के आर्थिक हालात बद से बदतर हो सकते हैं। सीआइआइ के अध्यक्ष आदि गोदरेज ने बुधवार को मौजूदा राजनीतिक हालात पर एक संवाददाता सम्मेलन कर भारतीय उद्योगपतियों की चिंता को सार्वजनिक किया। गोदरेज ने कहा, अगर सरकार आर्थिक सुधारों से जुड़े कदम तत्काल नहीं उठाती है तो हमें और संकट के लिए तैयार रहना चाहिए। यथास्थिति बने रहने से रेटिंग एजेंसियां भारत की साख और घटा सकती हैं। इससे भारतीय कंपनियों के लिए विदेश से कर्ज लेना मुश्किल हो जाएगा और देश से विदेशी निवेशक भागने लगेंगे। घरेलू निवेशक भी हाथ पीछे खींचने लगेंगे, इसके कुछ संकेत दिख भी रहे हैं। यह बेहद खतरनाक स्थिति है कि जब सरकार यह संकेत दे कि वह अर्थव्यवस्था को सुधारने के लिए कुछ नहीं कर रही। कोयला ब्लॉकों के आवंटन में घोटाले को लेकर पिछले कई दिनों से संसद नहीं चलने का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि ऐसा लगता है कि सरकार के लिए आर्थिक एजेंडा उतना महत्वपूर्ण नहीं है। इस एजेंडे को राजनीतिक प्रक्रिया से ही आगे बढ़ाया जा सकता है। सीआइआइ अध्यक्ष ने एक बार फिर कहा कि कोयला ब्लॉकों को एक सिरे से रद नहीं किया जाना चाहिए। सरकार को हर विवादित कोयला ब्लॉक की समीक्षा करनी चाहिए। इसके बाद ही यह फैसला करना चाहिए कि उसे निरस्त करना है या नहीं। कानून व्यवस्था की स्थिति के अलावा देश में वन व पर्यावरण मंजूरी और जमीन

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