Friday, September 14, 2012

पांच फीसद रहेगी विकास दर



नई दिल्ली, प्रेट्र : ग्लोबल अनिश्चितता और घरेलू सुस्ती को देखते हुए योजना आयोग के उपाध्यक्ष मोंटेक सिंह अहलूवालिया भी अब मानने लगे हैं कि चालू वित्त वर्ष में विकास की दर पांच फीसद के आसपास रहेगी। उन्होंने उम्मीद जताई कि 2012-13 की दूसरी छमाही में हालात सुधरेंगे। इसे देखते हुए कहा जा सकता है कि विकास दर इससे नीचे नहीं जाएगी। वित्त मंत्री पी चिदंबरम से मुलाकात के बाद संवाददाताओं से बातचीत में मोंटेक ने यह बात कही। मोंटेक ने कहा कि सरकार अर्थव्यवस्था की सुस्ती दूर करने के कई कदम उठा रही है। उम्मीद है कि इससे अर्थव्यवस्था की चुनौतियां कम होंगी। 12वीं पंचवर्षीय योजना (2012-17) के मसौदा दस्तावेज में भी आयोग ने चेताया है कि नीतिगत फैसलों में सुस्ती की वजह से विकास दर पांच फीसद पर सिमट सकती है। 12वीं योजना में आयोग ने विकास की दर 8.2 फीसद रखने का लक्ष्य रखा है। आयोग ने पहले 12वीं योजना में नौ फीसद विकास दर के लक्ष्य का प्रस्ताव रखा था मगर ग्लोबल और घरेलू संकट को देखते हुए इसमें कटौती कर दी गई। शनिवार को पूर्ण योजना आयोग की बैठक होने वाली है। इसमें 12वीं योजना को मंजूरी दी जा सकती है। उन्होंने कहा कि विकास दर के इस लक्ष्य को पाने के लिए सरकार को अहम फैसले लेने होंगे और आर्थिक सुधारों को रफ्तार देनी होगी। इसके अभाव में 8.2 फीसद के लक्ष्य को भी पाना मुश्किल होगा। चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही (अप्रैल-जून) में देश की विकास दर 5.5 फीसद रही है। यह पिछले वित्त वर्ष की इसी अवधि के आठ फीसद के मुकाबले काफी कम है। उधर, आर्थिक थिंक टैंक सेंटर फॉर मॉनिटरिंग इंडियन इकोनॉमी (सीएमआइई) ने अपने विकास दर अनुमान को घटाकर 6.3 फीसद कर दिया है। पहले इसने चालू वित्त वर्ष के लिए 6.7 फीसद विकास का अनुमान लगाया था। मैन्यूफैक्चिरिंग और सेवा क्षेत्र में कमजोरी को देखते हुए संगठन ने अनुमान में यह कटौती की है।


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