Tuesday, March 20, 2012

महिलाओं और बुजुर्गो को चुकाना होगा अधिक टैक्स


बजट में व्यक्तिगत आयकर छूट सीमा 1.80 लाख से बढ़ाकर दो लाख रुपये कर दी गई है। इसके बावजूद आयकर निर्धारण का गुणाभाग कुछ ऐसा है कि आठ लाख रुपये सालाना कमाई वाले बुजुर्गो और महिलाओं को अगले वित्त वर्ष में अधिक कर चुकाना पड़ सकता है। वित्त मंत्री प्रणब मुखर्जी ने बजट में व्यक्तिगत आयकर छूट सीमा 20,000 रुपये बढ़ा दी। साथ ही बड़ी सफाई दिखाते हुए इंफ्रास्ट्रक्चर बांड में 20,000 रुपये के निवेश पर मिलने वाली छूट समाप्त कर दी। वैसे, उन्होंने बचत खाते में 10,000 रुपये की ब्याज आय पर छूट की घोषणा की है। आयकर विशेषज्ञ सत्येंद्र जैन ने बताया कि आयकर सीमा बढ़ने से अन्य सभी वर्गो को तो लाभ हुआ लेकिन आठ लाख रुपये सालाना के आय वर्ग में महिलाओं व बुजुगरें को नुकसान हुआ है। ताजा आकलन के अनुसार आठ लाख रुपये सालाना आयवर्ग में महिलाओं को पहले 69,010 रुपये आयकर देना होता था। वहीं अगले वित्त वर्ष में उन्हें 70,040 रुपये आयकर देना होगा। इसी प्रकार 60 से 80 वर्ष के बुजुर्गो को मौजूदा वित्त वर्ष में 62,830 रुपये का आयकर देना होगा। वहीं अब उन्हें 64,890 रुपये आयकर देना होगा। यही स्थिति 80 वर्ष से अधिक उम्र के वरिष्ठ नागरिकों के मामले में होगी। आठ लाख की आय श्रेणी में वरिष्ठ नागरिकों को भी 2060 रुपये अधिक कर देना होगा। विशेषज्ञो के अनुसार आपकी सालाना आय यदि तीन लाख रुपये है और करलाभ वाली सभी योजनाओं में आपने निवेश किया है तो वित्त वर्ष 2011-12 में टैक्स देनदारी शून्य होगी। अगले वित्त वर्ष 2012-13 में इंफ्रा बांड का लाभ तो नहीं मिलेगा, लेकिन छूट सीमा दो लाख होने से कर देनदारी फिर शून्य होगी। पांच लाख रुपये सालाना आय वर्ग में 60 वर्ष से कम आयुवर्ग में करदाताओं को अगले वित्त वर्ष में 19,570 रुपये का आयकर देना होगा। महिलाओं के मामले में कर देनदारी इस वर्ष और अगले वित्त वर्ष में 19,570 रुपये पर यथावत होगी। साठ से 80 वर्ष के बुजुर्गो की श्रेणी में पांच लाख वाले आयवर्ग में अगले वित्त वर्ष में 1,030 रुपये अधिक 14,420 रुपये का कर चुकाना होगा। अस्सी वर्ष से अधिक उम्र के वरिष्ठ नागरिकों को कोई कर नहीं देना होगा, क्योंकि उनकी पांच लाख रुपये तक की आय पिछले बजट में कर मुक्त कर दी गई थी।

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