Tuesday, March 20, 2012

बजट के असर से पहले ही महंगाई बढ़ी


आम बजट के प्रस्तावों का महंगाई पर असर तो आने में अभी देर है, लेकिन प्रोटीन वाले खाद्य उत्पादों की वजह से इसमें अभी से तेजी का रुख बन गया है। सरकारी आंकड़ों के मुताबिक, खुदरा कीमतों पर आधारित महंगाई की दर फरवरी, 2012 के दौरान 8.83 फीसदी रही है। इसके पिछले महीने यह दर 7.65 फीसदी थी। देश भर में खुदरा कीमतों पर आधारित महंगाई की दर जनवरी, 2012 से ही प्रकाशित होनी शुरू हुई है। माना जाता है कि नीतिगत मामलों में खुदरा की महंगाई दर को भी मानक माना जाएगा। यह भी कहा जाता है कि रिजर्व बैंक (आरबीआइ) ने जनवरी की खुदरा महंगाई दर को देख कर ही ब्याज दरों में कटौती नहीं की थी। बहरहाल, इस दर के नौ फीसदी के करीब पहुंचने से साफ है कि आने वाले दिनों में भी ब्याज दरों को कम करना आसान नहीं होगा। जानकारों का कहना है कि आम बजट में उत्पाद शुल्क व सीमा शुल्क में वृद्धि का जो फैसला है कि उसका महंगाई दर पर असर मई, 2012 में आने वाले आंकड़ों पर ही दिखाई देगा। वैसे वित्त मंत्री प्रणब मुखर्जी ने सोमवार को इस बात को दोहराया कि दो महीने में महंगाई की दर स्थिर हो जाएगी। वैसे, महंगाई दर के चार से 4.5 फीसदी के स्तर पर आने में अभी काफी समय लगेगा। अगले वर्ष भी महंगाई की औसत दर 6 से सात फीसदी रह सकती है। ब्याज दरों में कब कमी होगी, इस बारे में उन्होंने कहा कि जब आरबीआइ के गवर्नर ऐसा करना ठीक समझेंगे, वह कदम उठाएंगे। सोमवार को रिजर्व बैंक के केंद्रीय बोर्ड के साथ बैठक के बाद वित्त मंत्री संवाददाताओं से बात कर रहे थे। माना जा रहा है कि इस बैठक में ब्याज दरों के मुद्दे पर काफी विस्तार से बात हुई है। उद्योग जगत की नजरें भी अप्रैल, 2012 में पेश होने वाली वार्षिक मौद्रिक नीति पर हैं। आरबीआइ क्या कदम उठाएगा, यह बहुत हद तक प्रोटीन उत्पादों की कीमतों पर निर्भर करेगा। फरवरी, 2012 के आंकड़े बताते हैं कि अंडे, मछली व मांस की कीमतों में 10.62 फीसदी की वृद्धि हुई है। वहीं, दूध व अन्य संबंधित उत्पादों की खुदरा कीमतें 15.76 फीसदी बढ़ी हैं। खाद्य तेल के वर्ग में भी खुदरा दामों में 12.76 फीसदी की वृद्धि हुई है।

No comments:

Post a Comment