Monday, February 27, 2012

आउटसोर्सिग रोकने के लिए ओबामा ने चली एक और चाल


राष्ट्रपति बराक ओबामा ने इस चुनावी साल में आउटसोर्सिंग के खिलाफ अभियान को तेज करते हुए विदेशी आय पर एक नया न्यूनतम कर लगाने का प्रस्ताव किया है ताकि अमेरिकी कंपनियों को नौकरियां भारत जैसे देशों में स्थानांतरित करने से हतोत्साहित किया जा सके। आउटसोर्सिग रोकने की ओबामा की यह नई चाल कितना सफल साबित होगी यह तो समय बताएगा लेकिन यह निश्चित है कि अमेरिकी राष्ट्रपति आउटसोर्सिग रोकने के अपने वचन पर अभी कायम हैं। प्रस्तावित कदम से अमेरिकी बहुराष्ट्रीय कंपनियों के लिए विदेशों में नौकरियां स्थानांतरित करना और कठिन हो जाएगा। इसके तहत नौकरियां वापस अमेरिका में लाने वाली कंपनियों को प्रोत्साहन मिलेगा। ओबामा ने राष्ट्रपति पद पर दूसरे कार्यकाल के लिए चुने जाने के प्रयासों की अपनी रणनीति के तहत जो कर योजना तैयार की है, यह उसका हिस्सा है। वैिक आर्थिक मंदी के बाद अमेरिका में बेरोजगारी की दर काफी ऊंची है। अमेरिका के वित्त मंत्रालय का कहना है कि अमेरिकी कारोबार कर पण्राली देश में ही रोजगार व निवेश सृजन के लिए बहुत कम काम करती है जबकि यह ऐसे कई अवसर पैदा करती है कि उत्पादन व लाभ विदेश ले जाने को प्रोत्साहन मिले। ओबामा यह भी प्रस्ताव कर रहे हैं कि कंपनियों को अपने परिचालन को विदेश स्थानांतरित करने पर कर छूट का दावा करने की अनुमति भी नहीं दी जाएगी। इसके साथ ही वह नौकरियां वापस लाने के लिए परिचालन वापस अमेरिका में लाने के खर्च के लिए 20 फीसद आयकर ऋण का प्रस्ताव कर रहे हैं। ओबामा ने एक बयान में कहा है कि मौजूदा कारपोरेट कर पण्राली अनुचित, अक्षम व पुरानी पड़ चुकी है। उन्होंने कहा, ‘यह नौकरियां व लाभ विदेश में ले जाने के लिए कर राहत उपलब्ध कराती हैं और भारत में ही बनी रहने वाली कंपनियों को नुकसान पहुंचाती है। यह अनावश्यक रूप से जटिल है जिससे अमेरिका के छोटे उद्यमों को अनगिनत घंटे व डालर अपने करों के भुगतान पर खर्च करने पड़ते हैं।

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