Saturday, July 16, 2011

73 लाख टन के अनाज गोदाम बनाने को मंजूरी


नई दिल्ली, एजेंसी : खुले में सड़ते अनाज पर सुप्रीम कोर्ट की फटकार के बाद केंद्र सरकार ने कुछ सक्रियता दिखानी शुरू की है। सरकार ने 19 राज्यों में अनाज भंडारण क्षमता में 152 लाख टन की वृद्धि का लक्ष्य रखा है। इसमें से 72.65 लाख टन भंडारण क्षमता के प्रस्तावों को मंजूरी दे दी गई है। इनका निर्माण निजी उद्यमियों, केंद्रीय भंडारण निगम (सीडब्ल्यूसी) और स्टेट वेयरहाउसिंग कॉरपोरेशन (एसडब्ल्यूसी) द्वारा किया जाएगा। अगले कुछ महीनों में और अधिक क्षमता विस्तार के प्रस्तावों को अंतिम रूप दिए जाने की संभावना हैं। एक साल में यह क्षमता विस्तार किया जाएगा। सरकारी गोदामों में खाद्यान्नों का स्टॉक अब तक के सबसे ऊंचे स्तर 6.54 करोड़ टन पर है। जबकि मौजूदा भंडारण क्षमता छह करोड़ 23 लाख टन की ही है। अभी तक निजी निवेशकों के लिए 53.32 लाख टन अनाज के भंडारण की निविदाओं को मंजूर किया गया है। जबकि 5.31 लाख टन भंडारण क्षमता सीडब्ल्यूसी द्वारा और 15.01 लाख टन भंडारण क्षमता एसडब्ल्यूसी द्वारा स्थापित किया जाएगा। क्षमता विस्तार के कार्य की निगरानी एफसीआइ और खाद्य एवं उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय द्वारा साप्ताहिक आधार पर की जा रही है। मंत्रालय पूर्वोत्तर के राज्यों में भी 5.4 लाख टन खाद्यान्न के भंडारण की क्षमता का विकास करने की तैयारी कर रहा है। इसके लिए 568 करोड़ रुपये की राशि आवंटित की गई है। केंद्र सरकार ने नई नीति के तहत निजी निवेशकों के जरिए गोदामों के निर्माण की योजना घोषित की थी। इसमें कहा गया था कि सीडब्ल्यूसी और एसडब्ल्यूसी अपनी भूमि होने की स्थिति में इस योजना के तहत गोदामों का निर्माण कर सकते हैं।

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