Tuesday, July 12, 2011

सरकार राजकोषीय घाटे के लक्ष्य पर अडिग रहे


प्रधानमंत्री की आर्थिक सलाहकार परिषद के अध्यक्ष और रिजर्व बैंक के पूर्व गवर्नर सी रंगराजन ने सोमवार को कहा कि सरकार को चालू वित्त वर्ष में 4.6 प्रतिशत के राजकोषीय घाटे के बजट अनुमान पर अडिग रहना चाहिए। हालांकि उन्होंने यह भी माना कि इस लक्ष्य को हासिल करना काफी मुश्किल होगा। रंगराजन ने कहा कि सरकार को इस साल के बजट में रखे गए 4.6 प्रतिशत के राजकोषीय घाटे लक्ष्य को लेकर ही आगे बढ़ना चाहिए। मैं जानता हूं कि इसे हसिल करना मुश्किल है। राजस्व लक्ष्य को फिर भी हासिल किया जा सकता है। कॉलेज ऑफ डिफेंस मैनेजमेंट में आयोजित समारोह में रंगराजन ने यह बात कही। पिछले महीने ही सरकार ने डीजल, केरोसिन और घरेलू रसोई गैस के दाम बढ़ाते समय कच्च्चे तेल के आयात पर लगने वाले पांच प्रतिशत आयात शुल्क को समाप्त कर दिया था। इसके अलावा पेट्रोल, डीजल पर भी आयात शुल्क 7.5 प्रतिशत से घटाकर 2.5 प्रतिशत कर दिया था। डीजल पर उत्पाद शुल्क भी 2.60 रुपए प्रति लीटर से घटाकर दो रुपए प्रति लीटर पर ला दिया था। रंगराजन ने कहा कि वर्ष 2013-14 तक राजकोषीय घाटा कम होकर सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) का तीन प्रतिशत रह सकता है। देश की आर्थिक वृद्धि दर संभावनाओं के मामले में रंगराजन ने कहा कि 12वीं पंचवर्षीय योजना (2012 से 2017) के दौरान देश की आर्थिक वृद्धि नौ से 9.5 प्रतिशत के बीच रह सकती है, इसके आगे 10 प्रतिशत आर्थिक वृद्धि हासिल करने के प्रयास से अर्थव्यवस्था में मांग आधारित मुद्रास्फीति का दबाव बढ़ सकता है। उन्होंने कहा कि देश को यदि 10 प्रतिशत से अधिक आर्थिक वृद्धि हासिल करने के लिए अर्थव्यवस्था में निवेश जीडीपी का 40 प्रतिशत तक बढ़ाना होगा, यह मुश्किल काम है। चालू 11वीं पंचवर्षीय योजना के दौरान आर्थिक वृद्धि के बारे में रंगराजन ने कहा कि यह औसतन 8.25 प्रतिशत वार्षिक रह सकती है, जबकि मुद्रास्फीति दर इस वित्त वर्ष के अंत तक 6.5 प्रतिशत रह सकती है।
                                                                                                                                     

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