Monday, July 25, 2011

खुदरा क्षेत्र में एफडीआइ पर कांग्रेस भाजपा आमने-सामने


खुदरा क्षेत्र में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआइ) को मंजूरी पर कांग्रेस और भाजपा आमने-सामने आ गए हैं। भाजपा ने सरकार के कदम का विरोध करते हुए कहा है कि इससे देश की आधी आबादी तबाह हो जाएगी। दूसरी तरफ कांग्रेस ने इस कदम का स्वागत किया और कहा कि भाजपा इस मुद्दे पर घटिया राजनीति कर रही है। शुक्रवार को ही सचिवों की एक समिति ने मल्टी ब्रांड खुदरा व्यापार में 51 फीसदी एफडीआइ को मंजूरी दी है। भाजपा प्रवक्ता शाहनवाज हुसैन ने आरोप लगाया कि इस मामले में केंद्र सरकार अमेरिकी दबाव में है और वह जो करने जा रही है वह बेहद खतरनाक होगा। उन्होंने कहा कि यह नीतिगत मुद्दा है और सरकार को इस पर आम सहमति बनानी चाहिए। हुसैन ने कहा है कि बढ़ती महंगाई व बेरोजगारी के बीच खुदरा क्षेत्र को भी प्रत्यक्ष विदेशी निवेश के लिए खोल दिए जाने से देश की अर्थव्यवस्था प्रभावित होगी। जब संसद की स्थायी समिति इस क्षेत्र को प्रत्यक्ष विदेशी निवेश के लिए खोले जाने की विरोध कर चुकी है तब सरकार को आम सहमति बनाने के बाद ही आगे बढ़ना चाहिए था। देश में लगभग 50 फीसदी छोटे व्यापारी, खोमचे-रेहड़ी वाले व स्वरोजगार के जरिए अपना पेट पालने वाले लोग हैं। सरकार के इस फैसले से वे सीधे तौर पर प्रभावित होंगे। शाहनवाज ने कहा कि भाजपा सड़क पर तो इसका विरोध करेगी ही, संसद में भी इस मामले को उठाएगी। दूसरी तरफ कांग्रेस ने सरकार के फैसले का स्वागत करते हुए कहा कि सरकार ने यह कदम सोच समझकर उठाया है। कांग्रेस प्रवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा कि भाजपा इस पर घटिया राजनीति कर रही है। सरकार ने अब तक इस बारे में कोई अंतिम फैसला नहीं किया है। सरकार ने कुछ शर्तो के साथ अनुमति देने का फैसला किया है, जो पूरी तरह से वाजिब है।



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