Saturday, July 16, 2011

कोयला मंत्रालय के तेवर से झारखंड को बिजली का झटका


खनिज विकास निगम के पिंडरा-देवीपुर खोवाटांड कोल ब्लॉक और तेनुघाट विद्युत निगम के राजबर कोल ब्लॉक का आवंटन रद करने की चेतावनी देकर कोयला मंत्रालय ने झारखंड सरकार के लिए मुश्किलें बढ़ा दी हैं। इससे पहले भी कोयला मंत्रालय झारखंड बिजली बोर्ड, दामोदर घाटी निगम और एनटीपीसी के कई कोल ब्लॉकों का आवंटन रद कर चुका है। इससे झारखंड में बिजली संकट और गहराने के आसार हैं। कोयला मंत्रालय ने शुक्रवार को झारखंड खनिज निगम के प्रबंध निदेशक को चेतावनी दी कि बार-बार निर्देश देने के बाद भी पिंडरा-देबीपुर खोवाटांड कोल ब्लॉक का विकास नहीं हो पाया है। 22 जून, 2009 को समीक्षा बैठक में मुख्य सचिव को निर्देश दिया गया था कि वह निगम को आवंटित कोल ब्लॉकों का विकास करवा कर उत्पादन शुरू कराएं, नहीं तो आवंटन रद कर दिए जाएंगे। निगम को यह ब्लॉक 2006 में आवंटित किया गया था। इसी तरह तेनुघाट विद्युत निगम लिमिटेड को 2007 में आवंटित राजबर ईएंडडी कोल ब्लॉक के आवंटन को भी रद करने की चेतावनी दी गई है। कोयला मंत्रालय ने 12 जुलाई को तेनुघाट विद्युत निगम के बादाम कोल ब्लॉक और 8 जुलाई को डीवीसी के खगरा जायदेव और झारखंड खनिज विकास निगम के लातेहार कोल ब्लॉक के लिए चेतावनी दी है। राज्य में बिजली उत्पादन करने वाले बोर्ड और निगमों को आवंटित कोल ब्लॉकों के आवंटन रद होने के बाद मुख्यमंत्री अर्जुन मुंडा 7 जुलाई को केंद्रीय कोयला मंत्री श्रीप्रकाश जायसवाल से मिले थे। कोयला मंत्री से उन्होंने रद कोल ब्लॉकों के मामले में पुनर्विचार का आग्रह किया था। इसके बाद भी केंद्र सरकार के तेवर में कोई नरमी नहीं दिखाई दे रही है। मंत्रालय ने झारखंड में एनटीपीसी के तीन कोल ब्लॉक छाटी बारियातू, दक्षिणी छाटी बारियातू और केरनदारी कोल ब्लाकों का आवंटन पहले ही रद कर दिया है। छाटी बारियातू और केरनदारी कोल ब्लॉक उत्तर कर्णपुरा कोलफील्ड में स्थित है। 2006 में इसे एनटीपीसी को आवंटित किया गया था। मंत्रालय ने झारखंड राज्य बिजली बोर्ड को 2006 में आवंटित बंहरडीह और डीवीसी को 2007 में आवंटित सहरपुर जमरपानी कोल ब्लॉक का आवंटन रद कर दिया है। अब जिन कोल ब्लाकों के बारे में चेतावनी दी जा रही है अगर वे भी रद हुए तो झारखंड में बिजली संकट और गहराएगा।

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