Saturday, July 16, 2011

ट्राई की सिफारिशों से भरेगा खजाना

नई दिल्ली, एजेंसी : यदि सरकार दूरसंचार नियामक ट्राई की सिफारिशों पर अमल करती है तो उसे 15,000 करोड़ रुपये की आमदनी हो सकती है। ऐसे समय जब वित्त मंत्रालय राजस्व उगाही के नए रास्ते तलाशने में जुटा है, यह राशि काफी राहत दे सकती है। ट्राई ने टेलीकॉम कंपनियों के 74 लाइसेंस रद करने की सिफारिश की है। इससे 21.0 मेगाह‌र्ट्ज तक का 2जी स्पेक्ट्रम खाली हो जाएगा, जिसकी बिक्री सरकार नए सिरे से कर सकती है। हालांकि दूरसंचार विभाग (डॉट) सिर्फ 15 लाइसेंस रद करने को तैयार है। ट्राई ने सेवा शुरू करने में देरी के लिए यूनिटेक वायरलेस के 8, एयरसेल-डिशनेट के 7, एतिसलात डीबी के 2, वीडियोकॉन के 4, स्पाइस के 3 और वोडाफोन के एक सहित कुल 74 लाइसेंस रद करने की सिफारिश की है। ट्राई द्वारा प्रत्येक सर्किल में 2जी स्पेक्ट्रम के लिए जिस कीमत का सुझाव दिया गया है, उससे स्पेक्ट्रम खाली होने के बाद सरकार को 15,000 करोड़ रुपये की आमदनी हो सकती है। सूत्रों का कहना है कि अगर सरकार स्पेक्ट्रम की बिक्री के लिए नीलामी का रास्ता चुनती है, तो उसे इससे भी ज्यादा का राजस्व मिल सकता है। ट्राई और डॉट में लाइसेंस रद करने की संख्या को लेकर विवाद है। ट्राई ने दिसंबर, 2006 के बाद के 74 लाइसेंस रद करने की सिफारिश की है, जबकि डॉट का कहना है इनमें से 15 लाइसेंस ही रद किए जाने चाहिए। ट्राई अपनी सिफारिश पर कायम है। इससे डॉट दुविधा की स्थिति में फंस गया है। दूरसंचार नियामक ने डॉट को भेजे पत्र में कहा है कि उसने इस बारे में सुप्रीम कोर्ट के दो पूर्व जजों से कानूनी राय ले ली है। उन्होंने ट्राई के विचारों का समर्थन किया है। डॉट ने ट्राई को पत्र भेजकर अपनी सिफारिश पर पुनर्विचार करने को कहा था। इस पर ट्राई ने अपना जवाब भेज दिया है। डॉट का कहना है कि लाइसेंस के नियम और शर्तो के अनुसार यदि कोई ऑपरेटर लाइसेंस पाने के 52 सप्ताह में सेवा शुरू नहीं करता है, तो उस पर जुर्माना लगाया जा सकता है। जुर्माना वसूलने के बाद 52 सप्ताह की एक और अवधि समाप्त होने पर ही शर्तो के अनुसार लाइसेंस रद किया जा सकता है। ट्राई ने कहा है कि वीडियोकॉन को असम, जम्मू-कश्मीर, कोलकाता और पूर्वोत्तर में दिए गए चार लाइसेंस जुर्माना लगाने के बाद भी रद किए जाने चाहिए। नियामक ने अपनी सिफारिशों में कहा था कि 43 दूरसंचार लाइसेंस को तुरंत रद कर दिया जाना चाहिए, क्योंकि स्पेक्ट्रम पाने के 52 सप्ताह बाद भी सेवा शुरू नहीं की गई। शेष 31 लाइसेंसों के मामले में तकनीकी रूप से सेवा शुरू करते हुए दिखाया गया है। मगर इन मामलों में सेवा या तो आंशिक रूप से शुरू की गई या उचित तरीके से शुरू नहीं हुई।

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