Wednesday, May 23, 2012

रुपए में गिरावट जारी


रुपए में गिरावट के सिलसिला लगातार पांचवें दिन जारी रहा और कारोबार के दौरान यह अमेरिकी डालर की तुलना में एक समय 55.47 तक चला गया था जो स्थानीय मुद्रा की विनिमय दर में गिरावट का नया रिकार्ड है। बाद में इसमें थोड़ा सुधार हुआ और अंत में यह 55.39 प्रति डालर पर टिका। आयातकों विशेषकर तेल रिफाइनरी कंपनियों की डालर मांग से रुपए की धारणा प्रभावित हुई। बाहर से विदेशी मुद्रा की आवक लगभग थमी रहने से भी स्थानीय मुद्रा कमजोर हुई। अंतर बैंक विदेशी विनिमय बाजार (फारेक्स) में रुपया सुबह तेजी की धारणा के साथ 54.60 डालर पर खुला। सोमवार का बंद के समय दर 55.03 रुपए प्रति डालर पर बंद हुआ था। लेकिन जल्द ही डालर की मांग से रुपए की चमक मंद पड़ने लगी। रेटिंग एजेंसी फिच द्वारा जापान की वित्तीय साख घटाकर ए धनात्मक करने और भविष्य का परिदृश्य नकारात्मक करने की घोषणा के बावजूद एशियाई क्षेत्र की अन्य प्रमुख मुद्राएं डालर के मुकाबले आज दूसरे दिन भी मजबूत हुई पर रुपए के मामले में डालर की मांग का प्रभाव हावी रहा। आयातकों की डालर की मजबूत मांग से रुपया कारोबार के दौरान गिरकर 55.47 की नई तलहटी को छू गया। बाद में स्थिति कुछ सुधरी पर अंत में यह कल की तुलना में 0.65 प्रतिशत या 36 पैसे की गिरावट के साथ 55.39 प्रति डालर पर बंद हुआ। इस साल मार्च के बाद से रुपया डालर की तुलना में 11 प्रतिशत कमजोर हुआ है। डीलरों ने कहा कि मंगलवार को भी भारतीय रिजर्व बैंक की बाजार में कोई भूमिका नहीं दिखी। वैिक चिंताओं की वजह से पूंजी का अंतप्र्रवाह भी नदारद रहा। एफआईआई आज 283 करोड़ रुपए के शुद्ध बिकवाल रहे और बांबे शेयर बाजार का सेंसेक्स 157 अंक की गिरावट के साथ बंद हुआ। इंडसइंड बैंक के आल्को और आर्थिक एवं बाजार अनुसंधान प्रमुख मोजेज हार्डिंग ने कहा, ‘हालांकि आयातकों की डालर मांग सही थी, लेकिन पूंजी का प्रवाह कम रहने से मांग और आपूर्ति में काफी अंतर रहा।सोमवार को रुपए में 61 पैसे या 1.12 फीसद की गिरावट आने के बाद रिजर्व बैंक ने बैंकों के लिए रुपए से सम्बद्ध विदेशी विनिमय वायदा कारोबार में खुली स्थिति पर शिंकजा और कस दिया। उधर रुपए की गिरावट पर वित्त मंत्री प्रणव मुखर्जी ने नई दिल्ली में कहा कि सरकार विदेशी विनिमय बाजार में उतार-चढ़ाव पर अंकुश के लिए कदम उठा रही है और जब जरूरत होगी भारतीय रिजर्व बैंक इसमें हस्तक्षेप करेगा।

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