Tuesday, August 9, 2011

अमेरिकी आफत से बचने की तैयारी


नई दिल्ली दुनिया के वित्तीय बाजारों के लिए सोमवार आफत का दिन हो सकता है। वित्तीय साख के सबसे खास ट्रिपल क्लब से अमेरिका को बेदखल किए जाने के बाद दुनिया भर की सरकारें और वित्तीय नियामक आपातकालीन तैयारियों में जुट गए हैं। अमीर और उभरते देशों के समूह जी-20 के वित्त मंत्रियों अन्य नेताओं ने रविवार को ही फोन पर आपात मंत्रणा की है। अमीर देशों के समूह जी-7 की एक बैठक सोमवार को होगी। ताकि एशियाई देशों के बाजार खुलने से पहले तबाही का असर कुछ कम किया जा सके। मध्य पूर देशों के शेयर बाजार रविवार को खुलते हैं, जहां भयानक गिरावट ने दुनिया को यह संकेत दे दिया है कि सोमवार को बहुत सतर्क रहने की जरूरत है। पिछले सप्ताह दुनिया के बाजारों को करीब 25 खरब डॉलर का चूना लग चुका है। यह बेहद डरावना रविवार था। सरकारें इमजर्ेंसी की द्रा में हैं। नियामक, निवेशक, हेज फंड, निर्यातक, मुद्रा व्यापारी सभी छुट्टी भूलकर विपत्ति के आकार का अंदाज लगाते रहे। भारत में बाजार नियामक सेबी वित्त मंत्रालय ने एक दिन पहले ही मोर्चा संभाल लिया था। दोनों ने असर कम करने की रणनीतियों पर विचार किया है। -20 देशों के बीच फोन पर चर्चा और जी-7 देशों के अनौपचारिक विचार-विमर्श से फिलहाल कोई ठोस रणनीति नहीं उभरी है। कोशिश केवल घबराहट रोकने की है। इसलिए ढांढस बंधाने वाले बयान जारी किए जा रहे हैं। फ्रांस अमेरिका के नेताओं ने अमेरिकी साख में भरोसा जताया है। बैंकों को बाजार में हस्तक्षेप करने का इशारा भी किया गया है। वित्तीय बाजार के लिए यह पहला मौका है, जब वह अमेरिका और यूरोप दोनों जगह साख कर्ज का भयानक संकट दिख रहा है। इनका असर शेयर, बांड, मुद्रा, निर्यात, जिंस, बैंक आदि सभी पर होंगे। अमेरिका की रेटिंग कम होन की आशंका पहले से थी। इसलिए उम्मीद थी कि बाजार शायद इस खबर को पचा लेंगे, लेकिन रविवार को ही यह खुशफहमी खत्म हो गई। इस दिन कारोबार करने वाले मध्यपूर्व के शेयर बाजार औंधे मुंह गिरे हैं। दुबई का मुख्य सूचकांक 5, अबूधाबी का 2.5 फीसदी और इजिप्ट का 4 फीसदी गिरा है। दुनिया की चिंता यह है कि स्टैंडर्ड एंड पुअर सिर्फ अमेरिका के रेटिंग घटाने तक नहीं रुकेगी। माना जा रहा है कि अमेरिकी बीमा कंपनियों, बैंकों, मॉरगेज कंपनियों (फेनी मे फ्रेडी मैक) की रेटिंग भी घटेगी, जो घबराहट में इजाफा करेगी। इतना ही नहीं, एक-दो दिनों में विश्व की दो अन्य प्रमुख क्रेडिट रेटिंग एजेंसियां- फिच और मूडीज भी अमेरिका की रेटिंग घटा सकती हैं। फिलहाल, इन दोनों ने विश्व की इस सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था की ट्रिपल रेटिंग बरकरार रखी है। संकट से निबटने की रणनीतियां भी बन रही हैं। सबसे बुरी हालत यूरोप है। हलाकान यूरोप को बचाने के लिए रविवार को कवायद चलती रही। फ्रांस में छुट्टी बिता रहे यूरोपीय सेंट्रल बैंक के प्रमुख ज्यां क्ला त्रिशे ने यूरोप के बैंकों के साथ आपातकालीन फोन कांफ्रेंस की और बाजार को संभालने के आदेश दिए। यूरोप के कर्ज प्रभावित देशों के जारों को लेकर डर सबसे ज्यादा है। जापान को डर है कि मुद्रा बाजार में भारी उतार-चढ़ाव हो सकता है। उपवित्त मंत्री फुमीहिको इरागाशी ने कहा कि जरूरत पड़ने पर मुद्रा बाजार में हस्तक्षेप किया जाएगा। कोरिया, ऑस्ट्रेलिया, चीन, जर्मनी फ्रांस इटली के भी नियामक सतर हैं और दम साधे सोमवार का इंतजार कर रहे हैं। (पेज-10 भी देखें)\\



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