Tuesday, August 9, 2011

अति गरीब जिलों की सूची में यूपी-एमपी-बिहार अव्वल


, नई दिल्ली देश के 150 अति गरीब जिलों में उड़ीसा सबसे आगे हैं जहां 18 जिले इस सूची में शामिल हैं, जबकि यूपी, एमपी, बिहार के 15-15 झारखंड के 14 जिले अति गरीब हैं। ये आंकड़ा योजना आयोग की गरीब जिलों की सूची का है, जोकि सुप्रीम कोर्ट के अति गरीब जिलों को अतिरिक्त अनाज देने के आदेश पर सामने आई है। सुप्रीमकोर्ट ने गत 14 मई को देश के अति गरीब 150 जिलों में 50 लाख टन अतिरिक्त अनाज देने का केंद्र सरकार को आदेश दिया था। इतना ही नहीं कोर्ट ने सरकारों से कहा था कि भूख ने किसी की मौत नहीं होनी चाहिए। गरीबों में अनाज वितरण का काम देख रही सुप्रीमकोर्ट द्वारा गठित जस्टिस डीपी वाधवा की अध्यक्षता वाली विजिलेंस कमेंटी ने योजना आयोग से गरीब जिलों के आंकड़े देने को कहा था। योजना आयोग ने कमेटी को दो सूचियां उपलब्ध कराई हैं। पहली सूची में 150 अति पिछड़े वे जिले हैं जहां काम के बदले अनाज योजना लागू की गई थी। दूसरी 147 पिछड़े जिलों की सूची है जो राष्ट्रीय सम विकास योजना लागू करने के लिए तैयार की गयी थी। सुप्रीम कोर्ट कमेटी ने 147 जिलों की सूची को अतिरिक्त अनाज वितरण के लिए उपयुक्त माना है और उसमें कुछ अन्य जिलों को भी शामिल किया है। कमेटी ने सूची में दिये गये जिलों पर संबंधित राज्यों से गरीबों का आंकड़ा और उसके आधार का ब्योरा मांगा है। साथ ही यह भी पूछा है कि उन्हें कितने और अनाज की जरूरत है। ये सारा ब्योरा सुप्रीमकोर्ट में दाखिल की गयी वाधवा कमेटी की रिपोर्ट में दिया गया है। सुप्रीम कोर्ट इस मामले पर 18 अगस्त को सुनवाई करेगा। देश के गरीब जिलों की तैयार सूची में महाराष्ट्र के 11, छत्तीसगढ़ के 10, आंध्र प्रदेश पश्चिम बंगाल के 8-8,गुजरात के 6, राजस्थान असम के 5-5, तमिलनाडु के 4, उत्तराखंड, कर्नाटक जम्मू कश्मीर के 3-3 तथा हरियाणा और पंजाब राज्य का 1-1 जिला शामिल है। इसके अलावा सिक्किम, त्रिपुरा, केरल, मेघालय, मणिपुर, मिजोरम, नगालैंड का भी 1-1 जिला इस सूची में है। हालांकि योजना आयोग ने साफ किया है कि ऐसा कोई पुख्ता आंकड़ा उसके पास नहीं है जिससे यह कहा जा सके कि सूची में दिए गए जिले ही देश के सबसे गरीब जिले हैं। सुप्रीम कोर्ट में दाखिल वाधवा कमेटी की रिपोर्ट में गरीबों को अनाज मुहैया कराने पर विस्तृत चर्चा के साथ 60 हजार रुपये सालाना आय वालों को बीपीएल श्रेणी में शामिल करने और एक लाख रुपये सालाना से ज्यादा आय वालों को सबसिडी वाले राशन की श्रेणी से बाहर करने के सुझाव तक पर चर्चा की गई है। पिछड़े जिलों की सूची : यूपी : सोनभद्र, उन्नाव, रायबरेली, सीतापुर, हरदोई, फतेहपुर, ललितपुर, लखीमपुर खीरी, बांदा, चित्रकूट, मिर्जापुर, कुशीनगर, महोबा, हमीरपुर और बाराबंकी। बिहार : अररिया, वैशाली, गया, मधुबनी, मुजफ्फरपुर, नवादा, समस्तीपुर, श्योहर, कटिहार, जमुई, लखीसराय, मुंगेर, पुर्णिया, सुपौल,दरभंगा। झारखंड : सरायकेला, सिंघभूमि, गोड्डा, सिमडेंगा, गुमला, छत्रा, गढ़वा, पलामू, लातेहार, लोहरदगा, दुमका, जमतारा, साहेबगंज, पांकुर। जम्मू कश्मीर : डोडा, कुपवाड़ा, पंुछ। हिमाचल: चंबा। पंजाब : होशियारपुर। उत्तराखंड : चंपावत, टिहरी गढ़वाल, चमौली। हरियाणा : सिरसा।


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