Friday, August 12, 2011

फेमा को बदल विदेशी मुद्रा की आवाजाही आसान करो


ऐसे समय जब वैश्विक मंदी के बादल फिर से मंडरा रहे हैं और भारत सहित तमाम देशों की मुद्राओं को लेकर अनिश्चितता बनी हुई है, आरबीआइ की उच्चस्तरीय समिति ने विदेशों से पैसा लाने या ले जाने की मौजूदा नीतियों को काफी सरल बनाने का सुझाव दिया है। केजे उदेशी की अध्यक्षता वाली इस समिति की रिपोर्ट में कहा गया है कि व्यक्तिगत स्तर पर विदेशी मुद्रा के इस्तेमाल को लेकर फेमा के मौजूदा नियम काफी पुराने पड़ चुके हैं। समिति ने प्रवासी भारतीयों को भारत में निवेश करने, इलाज करने या अपने रिश्तेदारों को ज्यादा विदेशी मुद्रा भेंट स्वरूप देने का भी रास्ता खोल दिया है। उदेशी समिति ने चार महीने के भीतर ही अपनी रिपोर्ट तैयार कर बुधवार को आरबीआइ को सौंप दी। इसमें कहा गया है कि आज विदेशी कारोबार का आकार सकल घरेलू उत्पाद का 40 फीसदी है। हमें इस सच्चाई को ध्यान में रखते हुए ही विदेशी मुद्रा के आवागमन पर नियंत्रण करना चाहिए। इस संदर्भ में फेमा (विदेशी मुद्रा प्रबंधन कानून) का उल्लेख करते हुए कहा गया है कि यह मूल तौर पर पुराने फेरा (विदेशी विनियमन नियंत्रण कानून) की तरह ही काम करता है।




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