भारत और पाकिस्तान के बीच विश्व कप सेमीफाइनल मैच से जो माहौल बना है, इससे दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय कारोबारी रिश्ते पर पड़ी गर्द के भी हटने के संकेत मिल रहे हैं। मोहाली में प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह और पाकिस्तानी प्रधानमंत्री यूसुफ रजा गिलानी की मुलाकात और बातचीत के बाद दोनों देशों की तरफ से आपसी व्यापार को बढ़ाने के लिए प्रयास फिर शुरू हो सकते हैं। भारतीय उद्योगपतियों का एक दल बहुत जल्द पाकिस्तान की यात्रा पर जा सकता है। देश के बड़े उद्योग चैंबर भी अपने स्तर पर व्यापारिक दल पाकिस्तान रवाना करने की सोच रहे हैं। सूत्रों के मुताबिक अगर सब कुछ ठीक रहा तो भारत का आधिकारिक व्यापारिक दल अगले महीने अप्रैल के अंत या मई की शुरुआत में पाकिस्तान की यात्रा पर जा सकता है। दल की अगुवाई वाणिज्य सचिव राहुल खुल्लर करेंगे। उनके साथ देश के प्रमुख उद्योगपतियों का दल भी होगा। हालांकि उद्योग चैंबर सीआइआइ अपने स्तर पर भी अलग से एक व्यापारिक दल पाकिस्तान भेजने की संभावना तलाश रहा है। अगर वाणिज्य सचिव की अगुआई में यह दल पाकिस्तान जाता है तो दो वर्ष के बाद आपसी व्यापार को बढ़ाने के लिए दोनों देशों के बीच बातचीत फिर शुरू होगी। सीआइआइ के अध्यक्ष हरि भरतिया ने दैनिक जागरण को बताया कि इस मैच ने हमें आपसी विश्वास बहाली का मौका दिया है। आपसी विश्वास के बल पर ही कोई भी व्यापारिक या सांस्कृतिक रिश्ता आगे बढ़ेगा। अब हमें इस बहाली को बरकरार रखने की जरूरत है। सीआइआइ भारत व पाकिस्तान के द्विपक्षीय व्यापार को बढ़ाने की अपने स्तर पर हर मुमकिन कोशिश करेगा। चैंबर के ढांचागत मामलों की समिति के अध्यक्ष विनायक चटर्जी का कहना है, किसी भी रिश्ते के लिए आपसी विश्वास बहाली बेहद जरूरी है। इस मैच के जरिये यह काम हो गया है। अब हम अपना व्यापारिक दल वहां भेजने की सोच रहे हैं साथ ही उम्मीद है कि पाक का व्यापारिक दल भी भारत आएगा। कूटनीतिक के साथ ही भारत और पाकिस्तान के बीच व्यापारिक संबंध भी नवंबर, 2008 में मुंबई आतंकी हमले के बाद हलके पड़ गए हैं। वैसे दोनों देशों के बीच आधिकारिक कारोबार 2.5 अरब डॉलर के करीब है। गैर-आधिकारिक तौर पर यह कारोबार 10 अरब डॉलर से भी ज्यादा होने की संभावना जताई जाती है। हाल ही में दोनों देशों के बीच कृषि उत्पादों का आयात-निर्यात बढ़ा है..
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