Saturday, June 4, 2011

यूपी के खरीद केंद्रों पर भीग रहा हजारों टन गेहूं


उत्तर प्रदेश में आजकल गेहूं की सरकारी खरीद चल रही है और खरीदा गया गेहूं खुले में रखा है। अकेले गोरखपुर व बस्ती मंडल में किसानों से खरीदा गया 17853 मीट्रिक टन खुले आसमान के नीचे पड़ा है। अमेठी के सिंहपुर ब्लाक के ऐसी ही एक खरीद केंद्र पर रखा तकरीबन साढ़े तीन हजार क्विंटल गेहूं सोमवार को बारिश में भीग गया। लखनऊ के ही मलौली, धनवारा, समेसी, नगराम दक्षिण, गौरी, इस्माइलनगर केंद्रों व लखीमपुर खीरी के कई केंद्रों में रखा गेहूं पांच दिन पहले बरसे पानी में भीग गया। बलरामपुर और गोंडा में खरीद केंद्रों पर रखा हजारों बोरा गेहूं भीग चुका है। दुबहा बाजार में तो गेहूं के बोरे पानी में डूब गए। गोरखपुर मंडल के जिलों में 20 हजार मीट्रिक टन गेहूं 60 स्थानों पर पालीथीन से ढककर रखा है। बारिश से हुए जलजमाव में निचली बोरियां भीग गईं। बस्ती मंडल में 17853 मीट्रिक टन गेहूं खुले में पड़ा है और नीचे लगे बोरे कई बार भीग चुके हैं। गाजीपुर में साढ़े सात हजार मीट्रिक टन गेहूं खुले आसमान के नीचे बारिश में भीग रहा है। कन्नौज में छिबरामऊ की पूर्वी सहकारी समिति, पश्चिम सहकारी समिति, तिर्वा व छिबरामऊ मंडी समिति में खुले में रखा गेहूं बारिश में कई बार भीग चुका है। औरैया में मंडी परिसर स्थित उप्र कर्मचारी कल्याण निगम खरीद केंद्र के बाहर खुले में रखा एक हजार बोरा, हरदोई मंडी, हमीरपुर के गोहांड क्रय केंद्र और रायबरेली के लालगंज, सिंहपुर व एफसीआई गोदाम में गेहूं भीग रहा है। जालौन में खुले में रखा एक करोड़ रुपए से अधिक कीमत का गेहूं खराब हो गया। सर्वाधिक आठ हजार क्ंिवटल गेहूं का नुकसान उरई मंडी परिसर के क्रय केंद्रों पर हुआ, जिससे पीसीएफ का वेयर हाउस नजदीक है। किसानों से खरीदा गया गेहूं बारिश में भीग कर सड़ने न पाये, इसके लिए हर संभव व्यवस्था की जा रही है। यह दावा है प्रदेश के खाद्य आयुक्त राजन शुक्ल का। वह कहते हैं कि गेहूं को बारिश से बचाने के लिए सभी क्रय एजेंसियों को उचित कदम उठाने के निर्देश दिये गये हैं।

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