Thursday, November 24, 2011

बहु ब्रांड खुदरा क्षेत्र में भी एफडीआई की मंजूरी संभव


केंद्र सरकार राजनीतिक और देश के भविष्य को प्रभावित करने वाले कुछ महत्वपूर्ण निर्णय ले सकती है। इनमें बहु ब्रांड खुदरा व्यापार यानि रोजमर्रा के किराने के कारोबार में प्रत्यक्ष विदेशी पूंजी निवेश की अनुमति देने पर बृहस्पतिवार को कैबिनेट बैठक में विचार किया जाएगा। इस फैसले से वैिक रिटेक श्रृंखलाएं वालमार्ट, टेस्को और कैरफोर भारत में अपने आउट लेट खोल सकेंगी। एकल ब्रांड में एफडीआई सीमा 100 फीसद करना भी एजेंडा में है। दूसरा उत्तर प्रदेश में कांग्रेस का जनाधार बढ़ाने के लिए जगह-जगह जा रहे राहुल गांधी का वायदा पूरा करने के लिए बुंदेलखंड केंद्रीय कृषि विविद्यालय की स्थापना और 2500 नए मॉडल स्कूल खोलने की योजना पर फैसला किया जाएगा। देश में पिछले 15 सालों से खुदरा व्यापार में विदेशी कंपनियों को प्रवेश देने या न देने, पर जबरदस्त चर्चा चल रही है। अटल बिहारी वाजपेयी सरकार में भी मंजूरी की बड़ी कोशिश हुई थी लेकिन स्वदेशी जागरण मंच के घोर विरोध के बाद वाजपेयी सरकार ने इस मुद्दे को ही छोड़ दिया था। अब प्रधानमंत्री डा.मनमोहन सिंह पर विदेशी कंपनियों का दबाव है। विदेशों से ज्यादा दबाव पड़ने के बाद वाणिज्य मंत्रालय ने प्रस्ताव बनाकर कैबिनेट को भेज दिया है जिस पर बृहस्पतिवार को गरमागरम चर्चा होगी। प्रस्ताव के मुताबिक खुदरा व्यापार में आने वाली विदेशी कंपनियों के लिए कुछ शत्रे रखी जा रही हैं। इनमें पहला-विदेशी कंपनी को कम से कम 10 करोड़ डॉलर निवेश करना होगा। दूसरा-ताजे कृषि उत्पाद जैसे सब्जी, फल आदि की खरीद फरोख्त नहीं करनी होगी। तीसरा- भारतीय लघु कंपनियों से 30 प्रतिशत सामान खरीदना होगा या उनकी सेवा लेनी होगी। चौथा-इच्छुक ब्रांड को ही अनुमति मिलेगी, उसके नाम से उसके फ्रेंचाइजी को अनुमति नहीं दी जाएगी। प्रस्ताव के मुताबिक सिंगल ब्रांड को 100 प्रतिशत पूंजी निवेश की अनुमति मिलेगी और मल्टी ब्रांड को 51 प्रतिशत पूंजी निवेश की अनुमति मिलेगी। खुदरा व्यापार में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश के पक्ष में तर्क दिया जा रहा है कि इससे आम लोगों को अच्छी क्वालिटी का साफ-सुथरा सामान मिल सकेगा और उसके विरोध में तर्क दिया जा रहा है कि इससे छोटे-मोटे गली मोहल्लों में दुकानें खोलकर यहां तक कि रेहड़ी पटरी से रोजगार चलाने वालों पर भी बुरा असर पड़ेगा। विदेशी कंपनियों को भारत में कम से कम 10 करोड़ डालर का निवेश करना होगा ताजे कृषि उत्पादों जैसे सब्जी-फल की खरीद फरोख्त नहीं करनी होगी भारतीय लघु कंपनियों से खरीदना होगा 30 फीसद सामान इच्छुक ब्रांड को ही अनमति मिलेगी, उसके फ्रेंचाइजी को नहीं शत्रे जो माननी होंगी
बुंदेलखंड में केद्रीय कृषि विविद्यालय : धूल फांक रहे कांग्रेस महासचिव राहलु गांधी के वायदे को पूरा करने के लिए कैबिनेट बुदेंलखंड में केंद्रीय कृषि विविद्यालय खोलने जा रहा है। बृहस्पतिवार को यह प्रस्ताव कैबिनेट में पेश किया जा रहा है। राहुल गांधी ने पिछड़े बुंदेलखंड को एक आर्थिक पैकेज, एक बिजली घर और एक विविद्यालय देने की मांग की थी। आर्थिक पैकेज तो मिल चुका है, बिजली घर बनाने में राज्य सरकार और केंद्र के बीच मारामारी हो गई तो यह प्रोजेक्ट ठंडे बस्ते में चला गया और अब कृषि विविद्यालय का प्रस्ताव पारित कराने के लिए तैयार है। 2500 नए मॉडल स्कूल खोले जाएंगे: कैबिनेट में 2500 नए मॉडल स्कूल खोलने का प्रस्ताव पेश किया जा रहा है। ये स्कूल पीपीपी यानि निजी सार्वजनिक भागीदारी के तहत खुलेंगे और देश के पिछड़े 2500 ब्लॉकों में खोले जाएंगे। नया सीआरपीएफ कानून बनेगा-मौजूदा केंद्रीय रिजर्व सुरक्षा बल अधिनियम 1949 की जगह नया कानून बनाया जा रहा है। इसके ड्राफ्ट विधेयक को बृहस्पतिवार को मंजूरी मिल जाएगी।
     

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