Saturday, November 26, 2011

खुदरा क्षेत्र में एफडीआई से मिलेंगे एक करोड़ रोजगार

सामान्य खुदरा (रिटेल) व्यापार में विदेशी कंपनियों के प्रवेश को लेकर हो रही आलोचानाओं के बीच सरकार ने कहा कि इससे तीन से पांच साल के दौरान एक करोड़ रोजगार के नए अवसर पैदा होंगे। इससे उपभोक्ताओं और किसानों को भी फायदा होगा। साथ ही महंगाई काबू करने में मदद मिलेगी। वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री आनंद शर्मा ने शुक्रवार को यहां संवाददाताओं से कहा कि बहु ब्रांड खुदरा क्षेत्र में प्रत्यक्ष विदेश निवेश (एफडीआई) आने से किसानों की उपज का अच्छा दाम मिलेगा और उपभोक्ताओं के लिए बेहतर माल खरीदने के विकल्प हासिल होंगे। इसके साथ ही क्षेत्र में प्रतिस्पर्धा भी बढ़ेंगी। नई नीति के तहत बहुब्रांड खुदरा में क्षेत्र में विदेशी निवेशकों को न्यूनतम 500 करोड़ रुपए का निवेश करना होगा, इसमें से 50 प्रतिशत निवेश ग्रामीण क्षेत्र में आधारभूत ढांचा खड़ा करने में करना होगा। उम्मीद है कि कोल्ड स्टोर, प्रसंस्करण केन्द्र और पैकेजिंग सुविधायें विकसित होंगी। शर्मा ने कहा कि इन गतिविधियों में अगले तीन से पांच साल में 60 लाख लोगों को रोजगार मिलेगा। इसके अलावा विदेशी कंपनियों के जो स्टोर खुलेंगे उनमें 40 लाख लोगों को रोजगार उपलब्ध होगा। शर्मा ने कहा कि चीन, थाईलैंड, रूस, इंडोनेशिया, ब्राजील और अज्रेंटीना सहित दुनिया के कई देशों में खुदरा क्षेत्र में शत प्रतिशत विदेशी निवेश की अनुमति है। लेकिन भारत ने अपने सामाजिक ढांचे, जरूरतों को देखते हुए इसकी अनुमति दी है। देश की दस लाख अथवा इससे अधिक आबादी वाले शहरों में ही ऐसे स्टोर खोले जाएंगे। उन्होंने कहा, ‘देश के 8,000 छोटे बड़े शहरों में मात्र 53 शहरों में ही विदेशी खुदरा स्टोर खुल सकेंगे, उनमें भी उनकी 51 प्रतिशत हिस्सेदारी होगी शेष 49 प्रतिशत भारतीय भागीदार के पास होगी।केन्द्र की यूपीए सरकार में सहयोगी तृणमूल कांग्रेस ने सरकार के इस निर्णय का विरोध किया है। तमिलनाडु में इस समय विपक्ष में बैठी डीएमके ने भी सरकार के इस निर्णय पर चिंता व्यक्त की है। मुख्य विपक्षी दल भाजपा खुदरा क्षेत्र में विदेशी निवेश के विरोध में है। उसका कहना है कि इससे छोटे व्यापारियों और किराना दुकानदारों का कामकाज प्रभावित होगा। कन्फैडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स शुरू से ही इसका विरोध करता आ रहा है। शर्मा ने कहा, ‘सभी राज्य सरकारों से बात की गई, कई ने समर्थन दिया, कुछ विरोध में भी रहे। पंजाब की अकाली दल सरकार ने केन्द्र सरकार के फैसले का समर्थन किया है। हरियाणा और कई अन्य राज्य सरकार इस निर्णय में केन्द्र के साथ हैं।पश्चिम बंगाल के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि बहु ब्रांड खुदरा कारोबार के स्टोर 10 लाख अथवा इससे अधिक आबादी वाले शहरों में ही लगेंगे। पश्चिम बंगाल में इससे अधिक आबादी वाले तीन ही शहर हैं, इसलिए गांव, कस्बों में चलने वाली छोटी किराना दुकानों को इससे नुकसान नहीं होगा। वाणिज्य सचिव प्रदीप कुमार चौधरी ने बताया कि सरकार के इन निर्णयों को लागू करने के लिये अगले सप्ताह दिशानिर्देश जारी कर दिए जाएंगे और एफडीआई प्रस्तावों को मंजूरी दिए जाने की भी उम्मीद है। हालांकि खुदरा क्षेत्र में कितना एफडीआई आ सकता है इस बारे में आनंद शर्मा और वाणिज्य सचिव ने कुछ भी कहने से इनकार कर दिया।

No comments:

Post a Comment