Thursday, December 23, 2010

इस साल पटरी पर लौट आया आइटी उद्योग

वैश्विक मंदी का दंश झेलने के बाद यह साल भारतीय आइटी उद्योग के लिए अच्छा रहा। सॉफ्टवेयर प्रौद्योगिकी उत्पादों की मांग में सुधार और वैश्विक अर्थवस्थाओं में स्थिरता के संकेतों को देखते हुए कहा जा सकता है कि अगले साल यह उद्योग नई ऊंचाई छू सकता है। आइटी उद्योगों के संगठन नैस्कॉम का कहना है कि भारतीय आइटी उद्योग चालू वित्त वर्ष के अंत तक 70 अरब डॉलर का आंकड़ा छू लेगा। इस साल अमेरिका सहित अन्य प्रमुख पश्चिमी बाजारों से अच्छी मांग के चलते आइटी उद्योग की कुल आय में 5.5 फीसदी का इजाफा हुआ। नैस्कॉम के मुताबिक सरकार द्वारा चालू वित्त वर्ष में सूचना प्रौद्योगिकी की पहल पर 25 हजार करोड़ रुपये खर्च किए जाने का अनुमान है। इससे घरेलू आइटी बीपीओ सेवा खंड के चालू वित्त वर्ष में बढ़कर 16.7 अरब डॉलर तक पहुंचने की उम्मीद है, जो 14 फीसदी की चक्रवृद्धि बढ़त दर्शाता है। वित्त वर्ष 2008-09 में यह राशि 12.8 अरब डॉलर थी। समीक्षाधीन अवधि के दौरान उत्पाद उद्योग में 11 फीसदी की वृद्धि का अनुमान है। नौकरियों के लिहाज से भी आइटी उद्योग के लिए यह साल कई सुखद संकेत लेकर आया। मंदी के दौरान सॉफ्टवेयर कंपनियों ने न केवल भर्तियों पर रोक लगा दी थी बल्कि बड़ी संख्या में छंटनी भी की थी। हालांकि इस साल की शुरुआत से ही कंपनियां नई भर्तियों को लेकर सकारात्मक रुख अपना रही हैं। देश की सबसे बड़ी सॉफ्टवेयर कंपनी टीसीएस ने चालू वित्त वर्ष में 50 हजार से ज्यादा भर्तियां करने की योजना बनाई है। इसी तरह इन्फोसिस मार्च, 2011 तक 20 हजार नई नौकरियां देने का लक्ष्य लेकर चल रही है। विश्लेषकों का कहना है कि भारतीय आइटी उद्योग में अगले साल दो लाख नई नौकरियां दी जा सकती हैं। अगले साल भारतीय आइटी उद्योग को इस बात का भी ख्याल रखना होगा कि वियतनाम और फिलीपींस जैसे देश कम लागत के कारण उसके कड़े प्रतिद्वंद्वी बनकर उभर रहे हैं।

No comments:

Post a Comment