जनसंख्या के मामले में भारत उतना नियंत्रण नहीं कर पा रहा है जितने की जरूरत है। अगर इसी तेजी से भारत की आबादी बढ़ती रही तो 2025 तक हमारा देश इस मामले में चीन को पीछे छोड़ देगा। अमेरिकी जनगणना ब्यूरो ने यह अनुमान लगाया है। ब्यूरो के मुताबिक वर्ष 2025 तक भारत की जनसंख्या 1.396 अरब हो जाएगी जो दुनियाभर के देशों में सर्वाधिक होगी। अमेरिकी जनगणना ब्यूरो का अनुमान इसी हफ्ते जारी किया गया है। इसके मुताबिक भारत जनसंख्या के मामले में पहली बार चीन से आगे निकलेगा। अनुमान है कि वर्ष 2025 में भारत की जनसंख्या उस वक्त चीन की जनसंख्या से 20 लाख ज्यादा होगी जबकि वर्ष 2050 में भारत की जनसंख्या बढ़कर 1.656 अरब हो जाएगी और चीन की जनसंख्या घट कर 1.330 अरब रह जाएगी। चीन में 1980 से एक महिला के एक बच्चे की नीति पर काम किया जा रहा है। इस विवादित नीति का लक्ष्य बढ़ती जनसंख्या पर लगाम लगाना है। फिलहाल चीन में महिला पर 1.5 च्च्चे का औसत है जबकि भारत में यह औसत 2.7 च्च्चे का है। हालांकि भारत में शहरीकरण और शिक्षा को बढ़ावा मिलने के कारण जन्म दर में कमी आई है। यह जनसांख्यिकीय परिवर्तन भारत की तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था को प्रभावित कर सकता है। युवा वर्ग के रुझान के कारण चीन विनिर्माण क्षेत्र का गढ़ बन चुका है जिससे देश में निर्यात को जबरदस्त बढ़ावा मिला है। इस कारण भारत के मुकाबले चीन की बढ़ोतरी दर ज्यादा है। मगर आने वाले सालों में चीन को सिकुड़ते मजदूर बल और पेंशनभोगियों के बोझ का सामना करना पड़ सकता है। अमेरिकी जनगणना ब्यूरो का आकलन है कि वर्ष 2050 में दुनिया के सर्वाधिक जनसंख्या वाले 10 देश दक्षिण एशिया के होंगे। इनमें भारत और चीन के साथ ही पाकिस्तान और बांग्लादेश भी शामिल होंगे। फिलहाल पाकिस्तान छठे स्थान पर है जो वर्ष 2025 तक पांचवें स्थान पर आ जाएगा और बांग्लादेश नौवें स्थान पर आ जाएगा। पहले स्थान पर भारत, दूसरे पर चीन, तीसरे पर अमेरिका और चौथे पर इंडोनेशिया होंगे। जिन देशों की जनसंख्या घटने की उम्मीद है उनमें जापान, रूस, जर्मनी शामिल हैं। इन देशों में पिछले कुछ सालों के दौरान काफी धीमी जन्म दर रही है। जापान फिलहाल जनसंख्या के मामले में 10वें नंबर पर है, मगर ब्यूरो के अनुसार 2050 तक यह गिरकर 20वें स्थान पर पहुंच जाएगा।
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