Sunday, December 26, 2010

प्याज : सरकार भी कर रही मुनाफाखोरी

शनिवार को थोक मंडी में प्याज की अधिकतम कीमत 32 रुपए प्रतिकिलो रही, जबकि शुक्रवार को 35 रुपये प्रति किलो तक में बिका था प्याज 33 फीसद महंगा है सरकारी प्याज
नई दिल्ली (एसएनबी)। व्यापारियों के साथ-साथ अब दिल्ली सरकार भी मुनाफाखोरी पर उतर आई है। खुदरा बाजार में सरकारी प्याज 40 रुपये प्रति किलो बिक रहा है, जबकि थोक मंडी में इसकी दरें 20-25 रुपये प्रति किलो है। सबसे उच्च किस्म के प्याज की कीमत थोक मंडी में 35 रुपये प्रति किलो है। जबकि यही प्याज खुदरा बाजार में 80-90 रुपये प्रति किलो बिक रहा है। शनिवार को मंडी में प्याज की अधिकतम कीमत 32 रुपये प्रति किलो रही जो सरकारी प्याज की तुलना में 33 फीसद कम है। एशिया की सबसे बड़ी सब्जी मंडी आजादपुर में शुक्रवार को बढ़िया प्याज 28-35 रुपये प्रति किलो की दर से बिका। जबकि दिल्ली सरकार ने सफल, मदर डेयरी व केंद्रीय भंडारों के माध्यम से 40 रुपये किलो किलो की दर से अंकुरित प्याज बेचा। शुक्रवार को अंकुरित प्याज मंडी में 20-25 रुपये के बीच बिका था। शनिवार को यही प्याज मंडी में 10-20 रुपये प्रति किलो के हिसाब से बिका। प्याज कारोबारियों के अनुसार 25 रुपये से ज्यादा कीमत वाला प्याज बहुत ही बढ़िया किस्म का है। ऐसे प्याज की मांग साउथ दिल्ली व चाणाक्यपुरी जैसे इलाकों में ज्यादा होती है। प्याज के थोक कारोबारी बाबू भाई के नाम से जाने-जाने वाले सुरेंद्र ने कहा कि दिल्ली सरकार जो प्याज 40 रुपये किलो बेच रही है, वह हम 20-25 रुपये के बीच बेच रहे हैं। कारोबारी राजेंद्र कुमार ने कहा कि मंडी में शुक्रवार को 35 रुपये से अधिक का प्याज था ही नहीं। आलू प्याज मर्चेट एसोसिएशन के महामंत्री राजेंद्र शर्मा के अनुसार शनिवार को मंडी में प्याज की कीमतें 7-32 रुपये प्रति किलो के बीच थीं। सामान्य स्तर का प्याज 20-25 रुपये के बीच बिक रहा है। 25-32 के बीच वाला प्याज उच्च किस्म का प्याज है। ऐसे प्जाज की मांग पंच सितारा होटलों, साउथ एक्स, चाणक्यपुरी जैसे पॉस इलाकों में ज्यादा होती है। उन्होंने बताया कि सफल स्टॉल पर 40 रुपये प्रति किलो बिकने वाला प्याजा आजादपुर मंडी में 20 रुपये से लेकर 25 रुपये के बीच ही बिक रहा है। प्याज के थोक कारोबारी किशनलाल सरकारी प्याज की कीमतों पर सवाल खड़े करते हैं। उनका कहना है कि सरकार ने खुदरा बाजार में 40 रुपये की दर से प्याज बेच रही है, जबकि मंडी में वैसे प्याज की शुरुआती कीमत 10 रुपये से ही शुरू हो रही है। उनके पास क्या दिल्ली के किसी भी मंडी में 40 रुपये कीमत का प्याज नहीं है। ऐसे में यह समझ से परे है कि 40 रुपये किलो प्याज बेच कर सरकार लोगों को राहत पहुंचा रही है या मुनाफा कमा रही है।

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