मुद्राकोष और विश्व बैंक के मुताबिक चीन के बराबर आ खड़ी होगी भारतीय अर्थव्यवस्था
औद्योगिक उत्पादन में आश्चर्यजनक वृद्धि, ठोस आर्थिक नीतियों और सरकारी क्षेत्र के साथ निजी क्षेत्र के बेहतरीन प्रदर्शन की बदौलत आने वाले वर्ष में भारतीय अर्थव्यवस्था वैश्विक मंदी के तमाम दुष्प्रभावों को दरकिनार करते हुए एशिया में आर्थिक विकास की नई इबारत लिखेगी। यह कोई बयानबाजी या कयास नहीं बल्कि आंकड़ों पर आधारित वह सच्चाई है जिसे अंतरराष्ट्रीय मुद्राकोष (आईएमएफ), विश्व बैंक और उद्योग संगठनों ने भारतीय अर्थव्यवस्था के बारे में अपने पूर्वानुमानों में व्यक्त किया है। आईएमएफ के मुताबिक चालू वित्त वर्ष में 9.7 प्रतिशत की विकास दर हासिल करने के साथ भारतीय अथर्व्यवस्था जबरदस्त औद्योगिक उत्पादन, मजबूत आर्थिक नीतियों और सार्वजनिक क्षेत्र के साथ निजी क्षेत्र के भी रफ्तार पकड़ने के बूते चीन की बराबरी पर आ खड़ी होगी। आर्थिक विशेषज्ञों के मुताबि नए वर्ष में कोल इंडिया, इंडियन आयल कारपोरेशन और तेल एंव प्राकृतिक गैस निगम जैसी सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनियों के शेयर पूंजी बाजार में आने के साथ निवेशकों को अच्छी कमाई का बेहतर विकल्प देंगे। लेकिन निजी कंपनियों का दबदबा भी कायम रहेगा। तकरीबन 28 फीसद की वृद्धि हासिल करने वाला देश का आटो क्षेत्र आने वाले चंद वष्रो में सूचना प्रौद्योगिकी जैसे क्षेत्र को भी कड़ी टक्कर देने की स्थिति में आ जाएगा। मजबूत आर्थिक स्थिति की बदौलत भारतीय कंपनियां नए साल में भी विदेशों में अधिग्रहण और विस्तार की नीतियों पर कायम रहेंगी। इसमें तेल एंव गैस, कोयला और लौह अयस्क का कारोबार करने वाली कंपनियां सबसे आगे होंगी। देश में रोजगार परिदृश्य पर उद्योग संगठनों की ओर से जारी रिपोर्ट के मुताबिक घरेलू स्तर पर अगले साल विभिन्न क्षेत्रों में करीब डेढ़ करोड़ लोगों को रोजगार मिलेगा। खासतौर पर सूचना प्रौद्योगिकी, जैव प्रोैद्योगिकी ओर सेवा क्षेत्र में रोजगार में भारी वृद्धि होगी। वेतन में भी 35 से 40 प्रतिशत तक की बढ़ोतरी होगी। विश्व बैंक के मुताबिक इन तमाम खूबियों केेसाथ वर्ष 2011 में भारत कारोबार के लिहाज से दुनिया के 40 बेहतरीन मुल्कों में से एक होगा। पूरी दुनिया इस उभरती ताकत को सलाम करेगी।
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