Saturday, January 1, 2011

प्रमुख उद्योगों का हाल-बेहाल

 महंगे कर्ज और नकदी की दिक्कत से जूझ रही अर्थव्यवस्था के लिए एक और बुरी खबर है। नवंबर में छह प्रमुख उद्योगों की वृद्धि दर 2.3 प्रतिशत पर ही सिमट गई है। इसके मुकाबले नवंबर 2009 में इन उद्योगों की वृद्धि दर 5.9 प्रतिशत रही थी। हालांकि वित्त वर्ष के पहले आठ महीने की विकास दर के मामले में कुछ राहत है। अप्रैल से नवंबर 2010 की अवधि में इन उद्योगों ने पांच प्रतिशत की दर से वृद्धि हासिल की थी। सरकार के ताजा आंकड़ों के मुताबिक छह प्रमुख उद्योगों में से नवंबर में सबसे बुरा हाल सीमेंट उद्योग का रहा है। इस क्षेत्र का उत्पादन नवंबर में पिछले साल के इसी महीने के मुकाबले 11.6 प्रतिशत कम हो गया। इसके मुकाबले नवंबर 2009 में सीमेंट के उत्पादन में नौ प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई थी। सीमेंट के अलावा पेट्रोलियम रिफाइनरी उत्पादों के उत्पादन में भी कमी आई है। नवंबर 2009 के मुकाबले इस साल इसके उत्पादन में 3.7 प्रतिशत की कमी हुई है। कोयला क्षेत्र का प्रदर्शन भी इस महीने निराशाजनक रहा है। इस दौरान उद्योग की रफ्तार सिर्फ 0.7 प्रतिशत रही है। जबकि नवंबर 2009 में कोयला उद्योग की रफ्तार 4.7 प्रतिशत रही थी। बिजली उद्योग के उत्पादन में भी नवंबर 2010 में मामूली वृद्धि दर्ज की गई है। इस उद्योग की वृद्धि दर नवंबर महीने में 3.3 प्रतिशत रही है। इसके मुकाबले इस्पात उद्योग के उत्पादन में नवंबर में 4.4 प्रतिशत की वृद्धि हुई। हालांकि पिछले साल नवंबर महीने के मुकाबले यह वृद्धि दर काफी कम है। नवंबर 2009 में इस्पात उद्योग की वृद्धि दर 11.7 प्रतिशत रही थी। प्रमुख उद्योगों में से केवल एक उद्योग ही ऐसा रहा जिसने दो अंकों में वृद्धि दर हासिल की है। कच्चा तेल उद्योग ने नवंबर 2010 में 17 प्रतिशत की वृद्धि दर हासिल की है। हालांकि अप्रैल-नवंबर के दौरान छह प्रमुख उद्योगों ने सरकार को कुछ राहत दी है। आठ महीने में इन उद्योगों की वृद्धि दर पांच प्रतिशत रही है। जबकि पिछले साल की इसी अवधि में यह साढ़े चार प्रतिशत रही थी। नवंबर में सबसे खराब प्रदर्शन करने वाले सीमेंट उद्योग ने चालू वित्त वर्ष के पहले आठ महीने में 4.1 प्रतिशत की वृद्धि दर हासिल की है।

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