Sunday, March 13, 2011

सरकारी हस्तशिल्प मेले में बिक रहे चीनी उत्पाद


हस्तशिल्प उत्सव में भारत में निर्मित उत्पादों को चीन का बताकर बेचे जाने का मामला प्रकाश में आया है। ग्राहकों ने दुकानदारों पर खरीद का बिल न देने का आरोप भी लगाया है। इससे न केवल यहां आने वाले ग्राहक खुद को ठगा सा महसूस कर रहे हैं, बल्कि सरकार को भी टैक्स का चूना भी लगाया जा रहा है। यही नहीं यहां बिक रहे के बजाए चीन में बने उत्पाद बिक रहे हैं। हस्तशिल्प व वस्त्र मंत्रालय के सौजन्य से हमीरपुर के 9 मार्च से शुरू हुए हस्तकला उत्सव में बड़ी संख्या में हस्तकला शौकीन पहुंच रहे हैं। 18 मार्च तक चलने वाले इस उत्सव में कई राज्यों के व्यापारी हिस्सा ले रहे हैं। हैरानी की बात यह है कि यहां स्थानीय उत्पादों के अलावा कई स्टालों पर चीन में बने सामान को भारतीय कंपनियों द्वारा निर्मित बता कर बेचा जा रहा है। इससे ग्राहक सांसत में हैं। मेले में चीन निर्मित इलेक्ट्रानिक उत्पाद के अलावा सौ रुपये से लेकर दस हजार रुपये तक के उत्पाद बिक रहे हैं मगर इस सामान की कोई गारंटी नहीं है। सामान खरीदने के बाद उसमें कोई खराबी होने पर उसका खामियाजा ग्राहक को खुद ही भुगतना होगा। व्यापारियों द्वारा कानून की अवहेलना कर सरकार को लाखों रुपये के टैक्स का चूना लगाया जा रहा है। उत्सव में मांगने के बावजूद सामान का बिल नहीं दिया जा रहा है। उत्सव में आए कई लोग बिल न मिलने पर व्यापारियों से उलझते देखे गए। उपभोक्ता संरक्षण संगठन के अध्यक्ष एडवोकेट सुशील शर्मा ने कहा कि नियमानुसार सामान का बिल दिया जाना चाहिए। यदि ऐसा नहीं हो रहा है तो इससे सरकार को चूना लग रहा है। वहीं, जिला मुख्यालय में चल रहे हस्तकला उत्सव में सरेआम नियमों का उल्लंघन हो रहा है मगर कार्रवाई करने के बजाए प्रशासन मूकदर्शक बना हुआ है। आबकारी एवं कराधान आयुक्त एससी पटियाल का कहना है कि हस्तकला उत्सव शुरू होने से पहले हर व्यापारी को बिल देने के आदेश दिए गए थे। यदि सामान का बिल नहीं दिया जा रहा है तो छानबीन कर कार्रवाई की जाएगी। उपायुक्त राजेंद्र सिंह ने बताया कि हस्तकला उत्सव हर साल लगाया जाता है। उत्सव में भारतीय हस्तकला की जगह चीन में बना सामान बेचने व सामान के बदले बिल न देने के संबंध में कोई शिकायत नहीं मिली है। अगर ऐसा है तो छानबीन करवाई जाएगी|

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