Monday, March 7, 2011

लंबी बीमारी से ग्रस्त रेलवे


 रेल मंत्री ममता बनर्जी ने माना है कि रेलवे ऐसी लंबी बीमारी से ग्रस्त है जिसका अब तक कोई इलाज नहीं ढूंढा जा सका है। लोकसभा में रेल बजट पर चर्चा का जवाब देते हुए ममता ने रेलवे की अधूरी परियोजनाओं के संदर्भ में यह टिप्पणी की। उन्होंने कहा डेढ़ लाख करोड़ रुपये की इन लंबित परियोजनाओं के बारे में प्रधानमंत्री, वित्त मंत्री और योजना आयोग ने भरोसा दिया है कि इन्हें पूरा करने के लिए 12वीं पंचवर्षीय परियोजना में विशेष प्रावधान किया जाएगा। ममता ने कहा वह हकीकत नहीं छिपाना चाहतीं। हकीकत यह है कि रेलवे के पास न तो जरूरत के यात्री डिब्बे हैं, न माल डिब्बे और न अन्य सामान। सालाना पचास हजार यात्री डिब्बों की जरूरत है, लेकिन सिर्फ दो फैक्टि्रयां हैं। यही हाल डीजल इंजनों का है। पिछले साल 20 इंजन बने, लेकिन रेलवे को एक भी नहीं मिला। सारे इंजन समझौते के तहत श्रीलंका को निर्यात कर दिए गए। इसीलिए मैंने 16 फैक्टि्रयों का एलान किया है जिनमें दो-तीन साल में उत्पादन होने लगेगा। रायबरेली कोच फैक्ट्री में अप्रैल में पहला यात्री डिब्बा बनकर निकलेगा। उन्होंने कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी से इसका उद्घाटन करने का अनुरोध किया। बिहार के मढ़ौरा और मधेपुरा इंजन प्रोजेक्ट के बारे में ममता का कहना था कि ये सब पीपीपी प्रोजेक्ट हैं जिनमें जल्दबाजी ठीक नहीं वरना आप लोग ही कहेंगे कि घोटाला हो गया। घाटे पर ममता का जवाब पुराना ही था। कहा छठे वेतन आयोग में 73 हजार करोड़ रुपये निकल गए। बाकी कसर गुर्जर आंदोलन, लौह अयस्क निर्यात पर रोक और धरना-प्रदर्शनों ने पूरी कर दी जिससे अपेक्षित ढुलाई नहीं हो सकी। उन्होंने बात-बात पर रेल रोकने वालों से अपील की कि वे ऐसा न करें क्योंकि रेल रुकने से लोकतंत्र रुक जाता है, ट्रेनें समय पर नहीं चल पातीं। उन्होंने इन आरोपों से इंकार किया कि रेल बजट का एलान योजना आयोग से पूछे बगैर किया गया है। दुर्घटनाओं के बाबत भी ममता का जवाब घिसा-पिटा था। उन्होंने कहा 2002-03 में साढ़े सत्रह हजार करोड़ रुपये का विशेष संरक्षा कोष बनाया गया था जो 99 प्रतिशत खर्च हो चुका है। मगर दस साल पहले शुरू हुआ एंटी कोलीजन डिवाइस का काम अभी सिर्फ पूर्वोत्तर सीमांत रेलवे तक सीमित है। पहली बार इसे आठ और जोनों में लगाने की मंजूरी दी गई है। ममता ने कहा कि एक साल में बाकी सभी रेलवे क्रासिंगों पर चौकीदार तैनात कर दिए जाएंगे। सदस्यों की यात्री आरक्षण केंद्र (पीआरएस) खोले जाने की मांगों को ममता ने एक माह में पूरा करने का आश्वासन दिया। ट्रेनों की मांग पर उनका कहना था कि मैंने अब तक 345 ट्रेनें दी हैं। और देना चाहते हैं, लेकिन डिब्बों की कमी आड़े आ रही है। पिछले रेल बजट में घोषित 500 आदर्श स्टेशनों में 450 पूरे हो गए हैं। बाकी 50 का काम भी मार्च तक पूरा हो जाएगा। हालांकि उन्होंने व‌र्ल्ड क्लास स्टेशनों पर फिर माफी मांग ली। ममता ने कहा कि हमने कोशिश की लेकिन 46 करोड़ रुपये तो कंसल्टेंसी के लिए ही चाहिए। इसलिए फिलहाल इसे टाल दिया गया है। इसी के साथ लोकसभा ने 2011-12 के रेल बजट की अनुदान मांगों और 2010-11 की अनुपूरक अनुदान मांगों को ध्वनिमत से मंजूरी दे दी|

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