देश में सिगरेट पर अत्यधिक उत्पाद शुल्क से नकली सिगरेट कारोबार को बढ़ावा मिला है और इसका बाजार 1,700 करोड़ रुपए तक पहुंचने का अनुमान लगाया गया है। उधोग मंडल एसोचैम द्वारा कराए गए एक अध्ययन के मुताबिक, मात्रा के लिहाज से भारत में 2004 से 2009 के बीच अवैध सिगरेट का बाजार 57.7 प्रतिशत तक बढ़ गया है।
इस अध्ययन पर प्रतिक्रिया जाहिर करते हुए टोबैको इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया के निदेशक उदयन लाल ने कहा कि सिगरेट पर अत्यधिक उत्पाद शुल्क दो नंबर का सिगरेट कारोबार करने वालों को एक बहुत आकषर्क अवसर उपलब्ध कराता है। रपट के मुताबिक भारत में नकली सिगरेट का सालाना कारोबार अनुमानित 42.5 करोड़ डालर (1,700 करोड़ रुपए) का है जिससे 50 लाख तंबाकू किसानों की रोजी रोटी प्रभावित हो रही है.
इस अध्ययन पर प्रतिक्रिया जाहिर करते हुए टोबैको इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया के निदेशक उदयन लाल ने कहा कि सिगरेट पर अत्यधिक उत्पाद शुल्क दो नंबर का सिगरेट कारोबार करने वालों को एक बहुत आकषर्क अवसर उपलब्ध कराता है। रपट के मुताबिक भारत में नकली सिगरेट का सालाना कारोबार अनुमानित 42.5 करोड़ डालर (1,700 करोड़ रुपए) का है जिससे 50 लाख तंबाकू किसानों की रोजी रोटी प्रभावित हो रही है.
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