Thursday, February 3, 2011

पांच वर्षो तक काबू में नहीं आएगी महंगाई!


..तो अगले पांच वर्षो तक महंगाई से मुक्ति नहीं मिलेगी? रिजर्व बैंक (आरबीआइ) का आकलन तो यही इशारा करता है। बुधवार को जारी इस सर्वेक्षण के मुताबिक अगले पांच वर्षो तक महंगाई की औसत दर छह फीसदी रह सकती है। दूसरी तरफ केंद्रीय बैंक पहले ही कह चुका है कि 3.5 फीसदी से ज्यादा की महंगाई दर स्वागतयोग्य नहीं है। रिजर्व बैंक का सर्वेक्षण वैसे तो आर्थिक विकास दर को लेकर काफी उत्साहित है। अगले पांच वर्षो तक विकास दर के 8.5 फीसदी रहने की बात कही गई है। लेकिन केंद्रीय बैंक द्वारा जारी इस तिमाही प्रोफेशनल फोरकास्ट के मुताबिक महंगाई की दर के लगातार ऊंचे बने रहने से तेज विकास दर का असर कम हो सकता है। अर्थव्यवस्था के बारे में यह आकलन विभिन्न एजेंसियों के अनुमानों के आधार पर जारी किया जाता है। यह काफी हद तक सच्चाई के करीब होता है, इसलिए उद्योग जगत इसे बेहद गंभीरता से लेता है। चालू वित्त वर्ष 2010-11 के बारे में कहा गया है कि सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) की वृद्धि दर 8.7 फीसदी रह सकती है। यह वर्ष 2009-10 में दर्ज 8 फीसदी से बेहतर मानी जाएगी। चालू वित्त वर्ष में सबसे जबरदस्त सुधार कृषि क्षेत्र में दिखाई देने की संभावना है। कृषि क्षेत्र में इस वर्ष 4.8 फीसदी की वृद्धि संभावित है। जबकि पिछले वर्ष यह आंकड़ा सिर्फ 0.2 फीसदी का था। उद्योग की स्थिति हालांकि पिछले वर्ष की तुलना में खराब होने के संकेत हैं। इसकी वृद्धि दर इस दौरान 10.4 से घटकर 8.9 फीसदी रह गई है। अगले वित्त वर्ष 2011-12 के दौरान विकास दर 8.5 फीसदी रहने की बात कही गई है। वर्ष 2011-12 में कृषि, उद्योग और सेवा तीनों की वृद्धि दर चालू वित्त वर्ष से कम होने की बात इस आकलन में कही गई है। इस सर्वेक्षण से यह भी पता चलता है कि अगले वित्त वर्ष के दौरान ब्याज दरों में और वृद्धि हो सकती है। अल्पकालिक ब्याज दरें (रेपो और रिवर्स रेपो रेट) में अगले वित्त वर्ष के दौरान आधा फीसदी की वृद्धि की संभावना है।


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