बिहार में धान, चावल, गेहूं, आटा, मैदा, सूजी सहित अनाज को पूरी तरह करमुक्त कर दिया गया है। उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने विधानसभा में शुक्रवार को 2011-12 का बजट पेश करते हुए इसकी घोषणा की। बजट में कोयला, लोहा, कपास, तिलहन और चीनी को छोड़कर अन्य पर लगने वाले मूल्यवर्धित कर (वैट) की दर में एक प्रतिशत की वृद्धि का प्रस्ताव है। मोदी ने वित्त वर्ष 2011-12 के लिए 65325. 87 करोड़ रुपये का बजट सदन में पेश करते हुए बताया कि अन्य राज्यों की तर्ज पर कोयला, लोहा, कपास, तिलहन और चीनी जैसी वस्तुओं को छोड़कर बिहार मूल्य विर्द्धत कर अधिनियम-2005 की धारा 14 की अनुसूची तीन में उल्लेखित अन्य वस्तुओं पर वैट की दर चार फीसदी से बढ़ाकर पांच प्रतिशत करने का प्रस्ताव है। उन्होंने कहा कि बजट में मोटर वाहन, टीवी, फ्रिज, जर्दा, सिगरेट, सीमेंट, साबुन, डिटर्जेट, टूथपेस्ट, टूथ ब्रश, बिजली के घरेलू सामान और फर्नीचर जैसी वस्तुओं पर लगने वाले 12. 5 फीसदी कर को बढ़ाकर 13. 5 प्रतिशत करने का प्रस्ताव है। मोदी ने कहा कि बजट में करों की दर में प्रस्तावित बढ़ोतरी से 450 करोड़ रुपये की अतिरिक्त राशि प्रतिवर्ष प्राप्त होने की संभावना है। उन्होंने कहा कि होटल अथवा अन्य किसी हॉल या खुले स्थान पर आयोजित होने वाले कार्यक्रमों पर लिए जाने वाले शुल्क पर 10 फीसदी की दर से विलासिता कर लगाने का भी बजट में प्रस्ताव है। उपमुख्यमंत्री मोदी ने कहा कि दोपहिया वाहन, कार और घरेलू उपयोग के अन्य निजी वाहनों पर लगने वाले बिक्री कर के अतिरिक्त लगने वाले वर्तमान कर को तीन फीसदी से बढ़ाकर पांच प्रतिशत करने का प्रस्ताव है। उन्होंने कहा कि बिहार में तीन हजार किलोग्राम से अधिक माल ट्रकों और अन्य मालवाहक वाहनों की प्रदेश में बिक्री बढ़ाने के उद्देश्य से वर्ष 2011-12 के बजट में कर ढांचे का सरलीकरण किया गया है। बिहार में प्रति हजार की आबादी पर जहां ट्रकों की संख्या एक से भी कम यानि .60 है वहीं नागालैंड जैसे छोटे राज्य में प्रति हजार की आबादी पर 23 ट्रक उपलब्ध है। उन्होंने बताया कि एक लाख रुपये से अधिक का कर भुगतान करने वाले व्यापारियों के लिए अप्रैल 2012 से ई रिटर्न दाखिल करना अनिवार्य होगा। मोदी ने बताया कि वर्ष 2011-12 में 28352 करोड़ रूपए कमिटेड एक्पेंडीचर अनुमानित है जिसमें से वेतन एवं पेंशन को छोड़कर ब्याज भुगतान के लिए 4738 करोड़ रुपये और ऋण की वापसी पर 2907 करोड़ रुपये अनुमानित है। उन्होंने कहा कि बैंकों की वार्षिक साख योजना 37 हजार करोड़ रुपये निर्धारित की गई है जो कि 2009-10 की उपलब्धि 17536 करोड़ रुपये से से 20 हजार करोड़ रुपये ज्यादा है। बजट में बैंकों को वर्ष 2011-12 के लिए चालीस हजार 500 करोड़ रुपये ऋण वितरित किए जाने का लक्ष्य दिया गया है
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