Wednesday, February 9, 2011

घाटे का बजट, नया कर नहीं


उत्तर प्रदेश सरकार ने वर्ष 2011-12 के लिए 169416.38 करोड़ रुपए का बजट विधानसभा में पेश किया। कुल अनुमानित राजकोषीय घाटा 18,959.66 करोड़ का है। इस चुनावी बजट में किसी नए कर का प्रस्ताव नहीं किया गया है। वित्त मंत्री लालजी वर्मा द्वारा पेश किए गए बजट की कुल धनराशि पिछले साल से 10.6 प्रतिशत अधिक है। समेकित निधि की प्राप्तियों और लोक लेखा से समायोजन के पश्चात सरकार ने बजट में 3403.52 रुपए का घाटा होने अनुमान लगाया है।

अनुसूचित जाति के कल्याण के लिए आवंटित विशेष घटक योजना के तहत 9722 करोड़ दिए हैं। सामाजिक सुरक्षा की योजनाओं के तहत समाज के विभिन्न कमजोर तबकों के लिए 10084 करोड़, महिला एवं बाल विकास की विभिन्न योजनाओं के लिए 4761 करोड़ का प्रावधान किया गया है। इस बजट में अगले वित्त वर्ष में 166012.86 करोड़ से ज्यादा की राजस्व प्राप्ति का अनुमान है। सरकार ने मनरेगा के तहत वर्ष 2011-12 में 70 लाख परिवारों को लाभ पहुंचाने का लक्ष्य तय किया है। राज्यांश के रूप में 500 करोड़ की व्यवस्था का प्रस्ताव है। स्वर्ण जयंती ग्राम स्वरोजगार योजना के तहत चार लाख 50 हजार पात्र लोगों के लिए 150 करोड़ व विधान मंडल क्षेत्र विकास निधि के तहत 630 करोड़ के प्रावधान का प्रस्ताव किया है। 11वीं पंचवर्षीय योजना के तहत कृषि क्षेत्र में 5.1 प्रतिशत की विकास से दर प्राप्त करने का लक्ष्य तय करते हुए कृषि तथा सम्बद्ध कार्यो के लिए बजट में 4496 करोड़ की व्यवस्था की गई है। राष्ट्रीय कृषि बीमा योजना के तहत 38 लाख 62 हजार पात्र किसानों के लिए 858 करोड़ की क्षतिपूर्ति उपलब्ध कराई गई है। वित्त मंत्री ने बजट पेश करते हुए कहा कि सरकार ने ग्राम्य विकास कार्यक्रमों के लिए वर्ष 2011-12 के बजट में 6133 करोड़ की व्यवस्था की है। अति पिछड़े बुंदेलखंड क्षेत्र के लिए चलाई जाने वाली योजनाओं के लिए 1200 करोड़ की अलग से व्यवस्था की गई है। पूर्वाचल के विकास के लिए अलग से 291 करोड़ की व्यवस्था की गई है। बजट में बेसिक शिक्षा के लिए 19086 करोड़, माध्यमिक शिक्षा के लिए 6846 करोड़ व उच्च शिक्षा के लिए 2146 करोड़ प्रस्तावित हैं। शिक्षा के लिए 28078 करोड़ का प्रस्ताव किया गया है। आगामी वित्त वर्ष में असेवित बस्तियों में पांच हजार नए प्राथमिक विालय तथा 1500 नए उच्च प्राथमिक विालय खोले जाएंगे। राज्य के विभिन्न स्कूलों में 50 हजार अतिरिक्त कक्षों का निर्माण कराया जाएगा। प्राथमिक व उच्च प्राथमिक विालयों में कुल 46 हजार अध्यापकों के अतिरिक्त पदों की व्यवस्था का प्रस्ताव किया गया है। कम्प्यूटर शिक्षा व कम्प्यूटर सहायतित शिक्षा की मुफ्त व्यवस्था की गई है। इसके लिए बजट में 108 करोड़ की व्यवस्था की गई है। लखनऊ में उर्दू-अरबी-फारसी विश्वविालय के भवन के निर्माण के लिए 10 करोड़ की व्यवस्था की गई है। चिकित्सा एवं स्वास्थ्य के लिए 4990 करोड़, राजकीय मेडिकल कॉलेजों के लिए 680 करोड़ का प्रस्ताव किया गया है। राजकीय एलोपैथिक, आयुर्वेदिक तथा यूनानी एवं होम्योपैथिक मेडिकल कॉलेजों में प्रशिक्षु छात्रों के मासिक भत्ते में 12 वष्रो के बाद बढ़ोतरी करते हुए इसे 1950 से बढ़ाकर 7500 रुपए कर दिया गया है। बजट में छह नए संयुक्त चिकित्सालयों, 100 सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों व 200 प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों के निर्माण व स्थापना का प्रस्ताव है। गरीबी रेखा से नीचे गुजर-बसर करने वाले परिवारों, विकलांगों व गरीब रोगियों को मेडिकल कॉलेज के साथ पीजीआई में भी मुफ्त चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराने का निर्णय किया गया है। बिजली योजनाओं के लिए 8227 करोड़ की व्यवस्था का प्रस्ताव है।

वित्त मंत्री लालजी वर्मा ने बजट अनुमानों का जिक्र करते हुए कहा कि आगामी वित्त वर्ष में 166012.86 करोड़ रुपए की कुल प्राप्तियां होने का अनुमान है। इसमें 131428.70 करोड़ रुपए की राजस्व प्राप्तियां तथा 34584.16 करोड़ रुपए की पूंजीगत प्राप्तियां शामिल हैं। इस बजट में 47627.46 करोड़ रुपए का अयोजनागत व्यय अनुमानित है। सरकार ने सड़क तथा पुल निर्माण के लिए बजट में 6775 करोड़ , सिंचाई एवं बाढ़ नियंत्रण परियोजनाओं के लिए 5451 करोड़, शहरी अवस्थापना सुविधाओं के विकास के लिए 5005 करोड़ तथा आपदा प्रबन्धन के लिए 405 करोड़ रुपए का प्रावधान किया गया है। लम्बित वादों के निस्तारण के लिए सांध्यकालीन अदालतें चलाने की प्रस्तावित योजना के लिए 68 करोड़ रुपए की व्यवस्था की गई है। हाईकोर्ट की दोनों पीठों की सुरक्षा व्यवस्था सुदृढ़ करने के लिए 18 करोड़ रुपए का प्रस्ताव किया गया है। इलाहाबाद में होने वाले कुंभ मेले के लिए 125 करोड़, पार्को व स्मारकों के लिए 122 करोड़, विकलांगों की कल्याणकारी योजना के लिए 365 करोड़ व विकलांगों के भरण पोषण के लिए 269 करोड़ की व्यवस्था की गई है।

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