Friday, February 11, 2011

गैस की कालाबाजारी मौत का सबब


इस समय बाजार में चाइनीज रेगुलेटर और गैस पाइप आसानी से उपलब्ध हैं। कम पैसों में यह खूब बिक भी रहे हैं। दुकानदार भी मुनाफा अधिक होने की वजह से इन्हें बेचने में खूब इंट्रेस्ट दिखा रहे हैं। जबकि यह इतने खतरनाक हैं कि कभी भी फट सकते हैं। आग का गेाला बन लोगो की मौत का कारण भी यही चीनी रेगुलेटर और गैस पाइप बन रहे हैं। नाका, अमीनाबाद, गणेशगंज की बाजार में चीनी रेगुलेटर 100 से 120 रुपए और गैस पाइप 30 से 50 रुपए में मिल रहे हैं।

जिला पूर्ति विभाग के आंकड़े

वर्ष 2010 में आपको बताते हैं कि किस महीने में जिला पूर्ति विभाग ने कितनी जगह छापे मारे और कितने मामले दर्ज किए। जनवरी माह में 2, फरवरी माह में 16, मार्च में कोई काम ही नहीं हुआ, अप्रैल में 8, मई में 4, जून में सन्नाटा रहा, जुलाई में 8, अगस्त में 3, सितंबर में 9, अक्टूबर में 9, नवबंर में 6 और दिसंबर में 10 जगह छापे मारे गए। इसी प्रकार वर्ष 2011 में जनवरी माह से लेकर अब तक कुल पांच छापे मारे गए और गैस की कालाबाजारी के मामले में 6 लोगों को गिरफ्तार किया गया।

कालाबाजारी के खिलाफ विशेष अभियान

पुलिस और प्रशासन के सहयोग से जिला पूर्ति विभाग गैस सिलेंडरों की कालाबाजारी के खिलाफ हर वर्ष एक अभियान चलाता है। इस वर्ष भी एक विशेष अभियान चलाया जा रहा है। हर रोज आठ से दस लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज करवाई जा रही है। लोग कम पैसों के फेर में डुप्लीकेट रेगुलेटर और गैस पाइप का प्रयोग कर रहे हैं। लोगों को कंपनी के बने हुए सामान का प्रयोग करना चाहिए।
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बुद्घि भाष्कर दुबे, जिला पूर्ति अधिकारीनीरज मिश्र)

कालाबाजारी ही मौत का सबब बन रही। हर महीने गैस सिलेंडर फटने और आग लगने के हादसे हो रहे हैं। अब तक कितने ही लोग अपनी जान गंवा चुके हैं तो कई लोगों को इन हादसों ने जिदंगी भर का दर्द दे दिया है। जब भी ऐसे हादसे होते हैं, जिला प्रशासन से लेकर पुलिस तक सिर्फ खानापूरी ही होती है। कुछ लोगों को आरोपी बनाकर एफआईआर लिखाई जाती है। इसके बाद सब कुछ कागजों में ही बंद हो जाता है। बुद्घवार को आशियाना के फाऊंटेन प्लाजा में हुआ हादसा गैस कालाबाजारी का ऐसा ही नमूना है। रेगुलेटर से लेकर गैस पाइप तक सब कुछ डुप्लीकेट है। किसी के भी नाम पते पर गैस मात्र कुछ ही रुपए घूस देने पर आसानी से उपलब्ध है। गैस सिलेंडरों से लेकर उसके रेगुलेटर और पाइप आदि के कालाबाजारी का यह खेल बाजार में पूरी तरह से छाया हुआ है।

जिला पूर्ति विभाग के आंकड़े बताते हैं कि पिछले वर्ष 2010 से लेकर 10 फरवरी 2011 तक कालाबाजारी के 77 मामले उसके यहां दर्ज किए गए। इसके लिए जिला पूर्ति विभाग ने छापे मारे और हजारों अवैध गैस सिलेंडर भी जब्त किए। लगभग 40 लोगों को गिरफ्तार किया गया और 35 लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज करवाई गई। यही आंकड़े विधान सभा में विपक्ष के प्रश्नों के जवाब में प्रदेश सरकार ने प्रस्तुत किए हैं। जिला पूर्ति विभाग का यह भी दावा है कि उसने ऐसे लोगों के खिलाफ एक विशेष अभियान चला रखा है। हर रोज लगभग आठ से दस लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज करवाई जा रही है, लेकिन उसके दावे कितने सच हैं यह उसी के विभाग के तैयार किए गए आंकड़े बता रहे हैं। यह सिर्फ शहर के आंकड़े हैं। इससे आप खुद ही अंदाजा लगा सकते हैं कि जिला पूर्ति विभाग ने शहर में गैस सिलेंडरों की कालाबाजारी रोकने के लिए 13 महीने 10 दिनों में कुल कितना काम किया गया है। शहर की छोटी सी चाय की दुकान से लेकर रेस्टोरेंट तक में डोमेस्टिक गैस सिलेंडरों का प्रयोग धड़ल्ले से हो रहा है। शहर के छोटे बड़े रेस्टोरेंट और फूड की कई ऐसी दुकाने हैं जहां एक कॉमर्शियल कनेक्शन के सहारे डोमेस्टिक गैस सिलेंडरों का प्रयोग किया जाता है। कॉमर्शियल गैस सिलेंडर सिर्फ दिखावे के लिए होते हैं। प्रयोग डोमेस्टिक गैस सिलेंडरों का किया जाता है।

नाका, इंदिरानगर, गणेशगंज, तेलीबाग, राजाजीपुरम, आलमबाग और अमीनाबाद बाजार में गैस रेगुलेटर से लेकर गैस पाइप तक सब कुछ कम पैसों में डुप्लीकेट और चाइनीज सामान उपलब्ध हैं। कम ही दुकानें ऐसी होंगी जहां पर मानक के अनुरूप रेगुलेटर और पाइप मिल रहे हों। जिला पूर्ति कार्यालय हर रोज छापे की कार्रवाई करता हो लेकिन उसका ध्यान इस ओर शायद ही कभी गया हो। यही डुप्लीकेट और चाइनीज गैस का सामान लोगों के लिए खतरनाक साबित हो रहा है।

एजेंसी से भी कम दाम हैं

अमीनाबाद गैस एजेंसी के मालिक रवि बताते हैं कि जिनके कनेक्शन होते हैं एजेंसी से उन्हीं को रेगुलेटर और पाइप दिए जाते हैं। अगर किसी का रेगुलेटर डैमेज हो जाता है तो उसे 250 रुपए में नया रेगुलेटर दिया जाता है। इसके अलावा गैस का पाइप 150 से 170 रुपए का मिलता है। इन्हें चूहे भी कुतर नहीं सकते। यह पूरी तरह से कंपनी के बने होते हैं। जिस कंपनी की गैस एजेंसी होती है उस कंपनी और आईएसआई मार्का के रेगुलेटर और गैस पाइप बने होते हैं। यह गैस एजेंसियों के अलावा बाजार में उपलब्ध नहीं होते। जबकि बाजार में मिलने वाले रेगुलेटर 150 से 200 रुपए तक में आसानी से मिल जाते हैं। गैस पाइप 50 रुपए से लेकर 70 रुपए तक में मिल जाते हैं। दुकानदार जरूर इनकी एक साल की गारंटी देते हैं लेकिन जानकारों का कहना है कि इनकी कोई गारंटी नहीं होती। इनमें से ज्यादातर डुप्लीकेट ही होते हैं। यह कभी भी डैमेज हो सकते हैं और यही हादसे की वजह बन जाते हैं।

एक सिलेंडर चार कनेक्शन

शहर में सैकड़ों ऐसी दुकाने और रेस्टोरेंट हैं जहां मानक के विपरीत गैस सिलेंडरों का प्रयोग किया जाता है। एक गैस सिलेंडर से कई बड़े चूल्हों का कनेक्शन कर प्रयोग में लाया जाता है। वह भी जुगाड़ कर। इसके लिए यह दुकानदार और रेस्टोरेंट वाले एक मेन कनेक्शन तैयार करते हैं। और एक बड़े से पाइप के सहारे लगभग चार से पांच चूल्हों को जोड़ा जाता है। यह इतना खतरनाक होता है कि कभी भी बड़े हादसे का सबब बन जाता है। ऐसे दुकानदारों और रेस्टोरेंट के मालिकों को गैस ऐजेंसियों से सीधा संपर्क होता है। कुछ लोग डिलेवरी मैन को कुछ अधिक पैसे देकर गैस सिलेंडर लेते हैं।
   

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