पिछले साल दूरसंचार क्षेत्र की घटनाओं ने आम जनता के मन में इसकी काफी नकारात्मक छवि बना दी है। नए साल में संचार व सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री कपिल सिब्बल इसे बदलेंगे। उन्होंने नए वर्ष के पहले ही दिन अपने मंत्रालय के लिए अगले सौ दिनों का एजेंडा पेश कर दिया है। इसमें देश के डाकघरों की तस्वीर बदलने के साथ ही स्पेक्ट्रम आवंटन की पूरी नीति में बदलाव करना शामिल है। सिब्बल ने यहां संवाददाता सम्मेलन में बताया कि सरकार नेशनल टेलीकॉम पॉलिसी, 2011 लाएगी, जो दूरसंचार नीति, 1999 का स्थान लेगी। अगले कुछ दिनों के भीतर ही स्पेक्ट्रम बांटने, इसका शुल्क तय करने, स्पेक्ट्रम का कारोबार करने, दूरसंचार कंपनियों के बीच विलय व अधिग्रहण करने संबंधी मौजूदा नियमों को साफ व पारदर्शी बनाने के लिए विभिन्न पक्षों से बातचीत शुरू की जाएगी। इसके लिए दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) की सिफारिशों को भी ध्यान में रखा जाएगा। साथ ही अंतरिक्ष विभाग, रक्षा मंत्रालय व सूचना व प्रसार विभाग व अन्य सरकारी कंपनियों से अतिरिक्त स्पेक्ट्रम हासिल करने के लिए सभी संबंधित मंत्रालयों से बातचीत शुरू की जाएगी। उन्होंने वादा किया कि अगले सौ दिनों के भीतर 3जी सेवाएं पूरी तरह से चालू हो जाएंगी। साथ ही संचार मंत्री ने ब्लैकबेरी विवाद का निपटारा करने का भी लक्ष्य तय किया है। सिब्बल के इस एजेंडे में सबसे ज्यादा ध्यान डाकघरों की दशा व दिशा सुधारने पर दिया गया है। अगले सौ दिनों के भीतर देश के 9 हजार 600 डाकघरों को कंप्यूटर से जोड़ने का लक्ष्य रखा गया है। अभी तक देश के 26 हजार डाकघरों में से 14 हजार डाकघर कंप्यूटरीकृत हैं। डाकघरों को सभी प्रकार की वित्तीय सेवाएं (बैंकिंग व बीमा से संबंधित) देने की योजना के तहत अगले सौ दिनों में ठोस कदम उठाए जाएंगे। साथ ही एटीएम, वेब-पोर्टल व कॉल सेंटर के जरिए डाकघर चौबीसों घंटे काम कर सकेंगे। अगले सौ दिनों के भीतर डाकघर प्री-पेड कार्ड वितरित करना शुरू कर देंगे। डाक विभाग ने इस सेवा के लिए आइसीआइसीआइ, आइडीबीआइ और एचएसबीसी का चयन किया है। पार्सल सेवा को बेहतर बनाने के लिए एक किलोग्राम, 2.5 किलोग्राम और पांच किलोग्राम के पार्सल बॉक्स उपलब्ध कराए जाएंगे। ग्राहकों को अपनी स्पीड पोस्ट की जानकारी मोबाइल फोन के जरिए प्राप्त करने की सुविधा शुरू की जाएगी। सिब्बल ने देश को हार्डवेयर मैन्युफैक्चरिंग का हब बनाने के लिए भी कुछ महत्वपूर्ण कदम उठाने का लक्ष्य रखा है। इसमें ग्रामीण महिलाओं को डिजिटली साक्षर बनाने के लिए कार्यक्रम और जिला स्तर पर एक पायलट प्रोजेक्ट शुरू करना शामिल है, जो स्थानीय स्तर पर ई-गवर्नेस को बढ़ावा देगा।
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