लंबे अरसे बाद पश्चिमी देशों में मांग के जोर पकड़ने का असर निर्यात आंकड़ों पर झलक रहा है। खास बात यह है कि इंजीनियरिंग, फार्मास्युटिकल्स और रसायन के क्षेत्रों की निर्यात में हिस्सेदारी बढ़ रही है। इसी वजह से पिछले साल के मुकाबले नवंबर में निर्यात 26.5 प्रतिशत बढ़कर 18.89 अरब डॉलर पर पहुंच गया है। जबकि शुरुआती आठ महीनों के दौरान निर्यात 26.7 प्रतिशत बढ़कर 140.28 अरब डॉलर रहा। निर्यात में हो रही लगातार बढ़ोतरी से पूरे वित्त वर्ष में 200 अरब डॉलर का निर्यात लक्ष्य हासिल करने की उम्मीदें बढ़ गई हैं। वाणिज्य मंत्रालय ने सोमवार को विदेश व्यापार के ताजा आंकड़े जारी किए। पिछले साल के मुकाबले इस साल अप्रैल-नवंबर के दौरान व्यापार घाटा बढ़कर 81.67 अरब डॉलर पहुंच गया है। जो पिछले साल की समान अवधि में 68.37 अरब डॉलर था। वहीं तेल पर निर्भरता बढ़ने से नवंबर में इसका आयात 2.31 प्रतिशत की वृद्धि के साथ 7.7 अरब डॉलर पहुंच गया। पिछले साल की समान अवधि में यह 7.5 अरब डॉलर था। वैसे बीते आठ महीनों में भी तेल का आयात 21.4 प्रतिशत बढ़कर 64.8 अरब डॉलर रहा है। इस बीच निर्यातकों के शीर्ष संगठन फेडरेशन ऑफ इंडियन एक्सपोर्ट ऑर्गेनाइजेशन (फियो) के अध्यक्ष रामू देवड़ा ने कहा कि चालू वित्त वर्ष में निर्यात के बढ़कर 220 अरब डॉलर तक पहुंच जाने की उम्मीद है। उन्होंने कहा कि भारत को हाई टेक्नोलॉजी क्षेत्र में निर्यात बढ़ाने की संभावनाओं पर काम करना चाहिए। दुनिया के कुल व्यापार में इस क्षेत्र की हिस्सेदारी 60 प्रतिशत से ज्यादा है।
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