गुजरात के मुख्यमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा है कि भारत के उत्सव और पर्व लोगों को प्रकृति के साथ संतुलन बनाकर रखने का संदेश देते हैं। अत:मानव को प्रकृति का मित्र बनना चाहिए। उन्होंने कहा कि प्राकृतिक संसाधनों के अंधा-धुंध दोहन के कारण आज मानवजाति के सामने पर्यावरण असंतुलन की समस्या खड़ी हो गई है। मुख्यमंत्री मोदी ने अंतरराष्ट्रीय पतंग उत्सव के उद्घाटन मौके पर यह बात कही। अहमदाबाद के साबरमती रिवरफं्रट पर मंगलवार सुबह सूर्य नमस्कार के साथ प्रारंभ हुए अंतरराष्ट्रीय पतंग महोत्सव में देश विदेश से आए सैंकड़ों पतंगबाजों ने अपने जौहर दिखाए। पतंगोत्सव में फ्रांस, इंग्लैंड, इजरायल, इटली, नीदरलैंड समेत दुनिया के 37 देश तथा भारत के दस राज्यों के करीब डेढ़ सौ पतंगबाज शिरकत कर रहे हैं। मुख्यमंत्री मोदी ने समारोह का उद्घाटन करते हुए कहा कि अंतरराष्ट्रीय पतंग उत्सव के कारण राज्य मे पतंग का 35 करोड़ का कारोबार आज चार सौ करोड़ को पार कर गया है, आगामी पांच वर्ष में इसे सात सौ करोड़ तक पहुंचाने का लक्ष्य है। मोदी ने कहा कि अहमदाबाद में होने वाला पतंगोत्सव अब कच्छ के सफेद रण तथा भुज के पास मांडवी बीच तक पहुंच गया है। रण उत्सव जो पहले दो तीन दिन के लिए मनाया जाता है वह अब पूरे एक माह तक मनाया जा रहा है। सोमनाथ, द्वारका तथा गीर वन देश विदेश के पर्यटकों के आकर्षण का केंद्र बन गए हैं। मोदी ने पतंगों को नई डिजाइन देने के लिए राष्ट्रीय डिजाइन संस्थान तथा नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ फैशन टेक्नोलॉजी के छात्र-छात्राओं को आमंत्रित किया वहीं पतंग व मकर संक्रांति पर नए नए गीत लिखने के लिए कवि व गीतकारों को भी न्यौता दिया। इससे पहले पर्यटन मंत्री जयनारायण व्यास ने कहा कि मुख्यमंत्री मोदी ने दूरदर्शिता का परिचय देते हुए लोकजीवन के उत्सवों को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर ख्याति दिलाई है जिसके चलते राज्य में पर्यटन उद्योग को भी गति मिली है।
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