हरियाणा सरकार ने अप्रवासी भारतीयों तथा 33 प्रतिशत या इससे अधिक का सीधा विदेशी निवेश करने वाली यूनिटों के लिए राज्य में 10 प्रतिशत तक औद्योगिक प्लॉट या शेड्स आरक्षित करने का निर्णय लिया है। हरियाणा राज्य औद्योगिक एवं ढांचागत विकास निगम के प्रवक्ता ने बताया कि अप्रवासी भारतीयों को औद्योगिक निवेश के लिए प्लॉट आवंटित करने के मामले में पूरी लागत उनके नॉन रेजिडेंट एक्सटर्नल खाते से या विदेश से विदेशी मुद्रा के रूप में ली जाएगी। उन्होंने बताया कि प्रत्येक औद्योगिक संपदा में सरकार द्वारा विकलांगों के लिए दो प्रतिशत आरक्षण का प्रावधान किया गया है। इस श्रेणी के लिए किश्तों पर ब्याज दरें भी अलग से निर्धारित की गई हैं। हालांकि इस श्रेणी से आवेदकों की अनुपलब्धता के मामले में आवंटित न किए गए प्लॉट सामान्य श्रेणी को अलॉट किए जा सकते हैं। उन्होंने कहा कि 10 करोड़, 20 करोड़ तथा 30 करोड़ या इससे अधिक की पूंजी निवेश की परियोजनाओं में 300 व्यक्तियों के लिए रोजगार सृजित होने के अवसर हैं। वर्तमान औद्योगिक इकाइयों के विस्तार के लिए पुन: आवंटन की आवश्यकताओं, नई प्रौद्योगिकी या अपनी किस्म की पहली प्रकार की परियोजना और प्रमोटर द्वारा नए निवेश के मामले की महत्वपूर्ण परियोजनाओं के लिए आवंटन में वरीयता दी जाएगी। उन्होंने कहा कि भूतपूर्व सैनिकों, महिला उद्यमियों, बेरोजगार इंजीनियर, स्नातक, बहुतकनीकी, आईटीआई प्रशिक्षित उम्मीदवारों, नए उद्यमियों को भी आवंटन में वरीयता दी जाएगी। उन्होंने कहा कि बड़ी परियोजनाओं के संबंध में ए श्रेणी की औद्योगिक संपदाओं में 30 करोड़ या इससे अधिक की, बी श्रेणी में 20 करोड़ या इससे अधिक तथा सी श्रेणी की औद्योगिक संपदाओं में 10 करोड़ या इससे अधिक का पूंजी निवेश निर्धारित किया गया है। उन्होंने कहा कि आवेदकों को या अपने आवेदन निगम की वेबसाइट पर उपलब्ध निर्धारित फार्म के अनुसार भेजने होंगे।
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