प्याज के बगैर ही सब्जी खाने की आदत पड़ गई है, तो बेहतर है इसे बनाए रखें। आसमान छू रही प्याज की कीमतों में फिलहाल कोई कमी आने की उम्मीद नहीं दिख रही। इसकी किल्लत दूर होने से ही इसके दाम घटेंगे। लेकिन देश के अंदर व बाहर कहीं से ऐसे संकेत नहीं मिल रहे हैं, जिससे इसकी आपूर्ति सुनिश्चित हो। तमाम मान-मनौव्वल के बावजूद सड़क मार्ग से भारत को प्याज निर्यात पर लगी रोक हटाने पर पाकिस्तान तैयार नहीं है। वहीं दिल्ली के प्याज व्यापारियों ने बुधवार से हड़ताल पर जाने की धमकी दी है। प्याज की कीमतों पर इसका असर पड़ना तय है। अभी प्याज के खुदरा दाम 50 से 60 रुपये प्रति किलो हैं। पंद्रह रोज पहले तक यह 70 से 80 रुपये प्रति किलो में बिक रहा था। पाकिस्तान से प्याज निर्यात पर लगी रोक हटने के संकेत न मिलते देख मंगलवार को भारत के लिए रवाना हुए करीब 300 ट्रक सीमा से वापस लौट गए। यह उस प्याज की खेप थी, जिसके लिए प्रतिबंध से पहले अनुबंध कर लिया गया था। इन ट्रकों से 3 हजार टन प्याज आना था। पाकिस्तान के अडि़यल रवैये को देखते हुए वहां के व्यापारियों ने अब स्थानीय बाजारों में इसे बेचने का फैसला किया है। दिसंबर में प्याज की कीमतों में आई तेजी को ठंडा करने के लिए भारत ने पाकिस्तान से प्याज का आयात शुरू किया था। पांच जनवरी को भारत को सड़क मार्ग से प्याज के निर्यात पर प्रतिबंध लगाए जाने से पूर्व तक पाकिस्तान से करीब 7 हजार टन प्याज आ चुका था। इसके एक रोज बाद से पाकिस्तान का एक प्याज भारत नहीं आया। भारत सरकार ने पाकिस्तान सरकार से अनुरोध किया था कि कम से कम वह अनुबंधित प्याज को भारत आने दे। लेकिन इसमें उसे सफलता नहीं मिली। पड़ोसी देश से जो झटका मिला सो मिला, लेकिन अब सरकार के लिए प्याज को लेकर देश के अंदर से भी चुनौती खड़ी होती दिख रही है। सोमवार को नासिक में हड़ताल पर जा रहे प्याज व्यापारियों को तो सरकार बहला-फुसलाकर मनाने में कामयाब हो गई, लेकिन अब ऐसा ही रुख राजधानी दिल्ली के व्यापारियों ने अपनाया है। आयकर विभाग के छापों के खिलाफ बुधवार से एशिया की सबसे बड़ी मंडी आजादपुर के व्यापारियों ने अनिश्चिकालीन हड़ताल पर जाने का एलान किया है। हालांकि दिल्ली सरकार ने हड़ताली व्यापारियों के खिलाफ एस्मा (आवश्यक सेवा बहाली कानून) लगाने की चेतावनी दी है।
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