Friday, January 21, 2011

कृषि मंत्रालय नहीं उगाता सब्जियां


कृषि व खाद्य मंत्री शरद पवार के बेतुके बयानों की फेहरिस्त लंबी होती जा रही है। चीनी और दूध के बाद इस बार उन्होंने सब्जियों के आसमान छूते दामों को लेकर कुछ ऐसा कह डाला, जो चौंकाने वाला है। अपने अटपटे बयानों के लिए मशहूर कृषि मंत्री ने मंगलवार को सब्जियों के दामों में हो रही बेतहाशा बढ़ोतरी से पल्ला झाड़ते हुए कहा कि कृषि मंत्रालय सब्जियां नहीं उगाता। मंत्रालय से इसका कोई सीधा सरोकार नहीं है। अलबत्ता उसकी जिम्मेदारी मुख्य रूप से गन्ने व अनाज तक ही सीमित है। ऐसे में लोग सवाल कर रहे हैं कि अगर सब्जियों की बढ़ती कीमतों पर अंकुश लगाने की जिम्मेदारी कृषि मंत्रालय की नहीं तो यह किसकी है। याद दिला दें कि इससे पहले चीनी, दूध और दालों को लेकर भी पवार ने कुछ ऐसे बयान दिए थे, जिसके बाद इनकी कीमतों में अचानक आग लग गई थी। पत्रकारों से मुखातिब कृषि मंत्री ने कहा कि सब्जियों की फसल से जुडे़ सभी फैसले किसान खुद लेते हैं। वही स्थानीय परिस्थितियों को देखकर तय करते हैं क्या उगाना है और किस मंडी में बेचना है। इस तरह सब्जियों की खेती में मंत्रालय की कोई सीधी भूमिका नहीं है। उन्होंने यह तो बताया कि गुजरात और महाराष्ट्र से प्याज की आवक से प्याज के दाम घट रहे हैं, लेकिन इस बात का उनके पास कोई उत्तर नहीं कि खुदरा बाजार में क्यों दाम अभी भी 50 से 60 रुपये प्रति किलो बने हुए हैं। हालांकि, बीते छह दिन में दिल्ली स्थित एशिया की सबसे बड़ी मंडी आजादपुर में प्याज की कीमतें 18 रुपये प्रति किलो तक घटी हैं। प्याज के अलावा टमाटर के दाम भी भड़के हुए हैं। खुदरा बाजार में यह भी 50 से 60 रुपये किलो बिक रहा है। आलू को छोड़कर अन्य सब्जियों के भाव भी भड़के हुए हैं।


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