Sunday, January 16, 2011

महंगाई की आग में छिड़का पेट्रोल

सरकारी तेल कंपनियों ने 2.54 रुपये प्रति लीटर बढ़ाए दाम
पहले ही महंगाई की आग में झुलस रही आम जनता पर सरकारी तेल कंपनियों ने पेट्रोल छिड़क दिया है। तेल कंपनियों ने पेट्रोल की कीमत में शनिवार को 2.54 रुपये प्रति लीटर तक बढ़ोतरी का ऐलान किया। ताजा बढ़ोतरी ने पेट्रोल के दामों में महज एक महीने के भीतर साढ़े पांच रुपये प्रति लीटर का इजाफा कर दिया है। बढ़ी कीमतों के बाद राजधानी में पेट्रोल की कीमत अब 58.37 रुपये होगी। ईधन के नए दाम शनिवार की मध्यरात्रि से लागू हो गए हैं। इंडियन ऑयल कॉरपोरेशन (आइओसी) का पेट्रोल 2.50 रुपये प्रति लीटर तक महंगा हुआ है। वहीं, भारत पेट्रोलियम कॉरपोरेशन (बीपीसीएल) ने इसकी कीमत 2.53 रुपये और हिंदुस्तान पेट्रोलियम कॉरपोरेशन (एचपीसीएल) ने 2.54 रुपये प्रति लीटर बढ़ाई है। बीते दिसंबर माह में ही तीनों कंपनियों ने अधिकतम 2.96 रुपये प्रति लीटर की बढ़ोतरी की थी। वैसे पेट्रोल मूल्य वृद्धि का फैसला तेल कंपनियां स्वयं करती हैं, लेकिन अनौपचारिक तौर पर वे पेट्रोलियम मंत्रालय को संज्ञान में लेती हैं। इस मूल्य वृद्धि के पीछे तेल कंपनियों की ओर से कच्चे तेल (क्रूड) की अंतरराष्ट्रीय कीमतों में हुई बढ़ोतरी का तर्क दिया जा रहा है। अंतरराष्ट्रीय बाजार में क्रूड के मौजूदा दाम 92 डॉलर प्रति बैरल चल रहे हैं। बीते करीब डेढ़ महीनों में कच्चे तेल की कीमत में लगभग 15 फीसदी का इजाफा हुआ है। सरकार ने जून, 2010 में तेल कंपनियों को पेट्रोल की कीमत तय करने की छूट दी थी। तब से सरकारी तेल कंपनियां छह बार पेट्रोल महंगा कर चुकी थीं, जबकि यह सातवीं वृद्धि है। तीनों पेट्रोलियम कंपनियां डीजल और रसोई गैस की कीमत भी बढ़ाना चाहती हैं, लेकिन सरकार उन्हें इसकी इजाजत नहीं दे रही है। फिलहाल एक लीटर डीजल की ब्रिकी पर तकरीबन साढ़े छह रुपये, रसोई गैस पर 275 रुपये प्रति सिलेंडर और किरासिन पर 18 रुपये प्रति लीटर का नुकसान कंपनियों को उठाना पड़ रहा है। कम कीमत पर पेट्रोलियम उत्पाद बेचने की वजह से सरकारी तेल कंपनियों को चालू वित्त वर्ष 2010-11 में लगभग 65 हजार करोड़ रुपये का नुकसान होने की संभावना जताई जा रही है। केंद्र सरकार की तरफ से तेल कंपनियों को बतौर सब्सिडी 12 हजार करोड़ रुपये दिए गए हैं। सब्सिडी की शेष राशि के भुगतान को लेकर सरकार हिसाब किताब लगा रही है। कुछ भी हो तेल कंपनियों का यह फैसला महंगाई की दर को और आंच देगा। दिसंबर में महंगाई की दर बढ़ने के पीछे पेट्रोल मूल्य वृद्धि भी एक वजह रही है। इस पेट्रोल मूल्य वृद्धि पर प्रमुख विपक्षी दल भाजपा ने सरकार को आड़े हाथों लिया है। भाजपा प्रवक्ता प्रकाश जावडे़कर ने कहा कि इस वृद्धि का कोई औचित्य नहीं है। यह आम आदमी को सरकार द्वारा लूटा जाना है। हम इसे वापस लिये जाने की मांग करते हैं।

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