Wednesday, January 26, 2011

चीनी निर्यात की मांग लेकर राहुल से मिले किसान नेता


चीनी निर्यात जारी रखने और गन्ने का उचित मूल्य दिलाने की मांग को लेकर गन्ना किसानों का एक दल सोमवार को कांग्रेस महासचिव राहुल गांधी से मिला। ये किसान आने वाले दिनों में गन्ना भुगतान के संकट की आशंका से परेशान हैं। गन्ना किसानों की व्यथा सुनने के बाद राहुल गांधी ने उन्हें समस्या के समाधान का भरोसा दिलाया। चीनी निर्यात से महंगाई बढ़ने की बात भी उन्होंने जोड़ी। किसान नेता भी आज पूरी तैयारी से आए थे। उन्होंने तर्क दिया कि चीनी के वास्तविक उपभोक्ता तो सिर्फ 20 फीसदी हैं। चीनी की बाकी घरेलू खपत बहुराष्ट्रीय कंपनियां करती हैं, जिनमें बड़ी कोल्ड ड्रिंक्स और चाकलेट बनाने वाली कंपनियां शामिल हैं। इन 80 फीसदी के नाम पर थोक उपभोक्ताओं के हित की सरकारी चिंता के कोई मायने नहीं है। किसान नेताओं ने राहुल गांधी को चीनी मांग और उत्पादन के साथ अन्य ब्योरा भी सौंपा। उन्होंने बताया कि गरीब उपभोक्ताओं को राशन दुकानों से रियायती दर पर पहले से ही चीनी उपलब्ध कराई जा रही है। इसके बावजूद निर्यात रोके जाने से घरेलू बाजार में चीनी मूल्य लगातार घट रहे हैं, जिससे किसानों का नुकसान हो रहा है। किसान नेताओं ने पिछले साल चीनी के मूल्य बढ़ने पर गन्ने के बढ़े भाव का भी जिक्र किया। उत्तर प्रदेश गन्ना समितियों के अध्यक्ष नेता अवधेश मिश्र ने बताया कि गन्ना खेती के बारे में राहुल गांधी ने रुचि लेते हुए कम उत्पादकता का सवाल खड़ा किया।

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