मंदी के बावजूद वर्ष 2008-09 के दौरान छोटे-बड़े उद्योगों से देश को होनी वाली आमदनी 9.56 प्रतिशत बढ़कर 5.3 लाख करोड़ रुपये रही। देश भर के विभिन्न उद्योगों पर किए गए सलाना सर्वेक्षण में यह तथ्य सामने आया है। इसके मुताबिक तमिलनाडु में सर्वाधिक कारखाने संचालन की स्थिति में पाए गए, जबकि महाराष्ट्र दूसरे नंबर पर रहा। केंद्रीय कोयला एवं सांख्यिकी और कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्री श्रीप्रकाश जायसवाल ने वर्ष 2008-09 के लिए सालाना उद्योग सर्वेक्षण रिपोर्ट जारी की। राष्ट्रीय सैंपल सर्वे कार्यालय की मदद से राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय ने उद्योगों का सालाना सर्वेक्षण तैयार किया है। इसमें मैन्युफैक्चरिंग, बिजली, गैस व जलापूर्ति, बीड़ी व सिगार श्रमिक अधिनियम, 1966 से जुड़े छोटे-बड़े उद्योगों को शामिल किया है। इसके तहत वर्ष 2008-09 में 1,55,321 कारखाने पंजीकृत थे। नेट निवेश वैल्यू के आधार पर पहले नंबर पर महाराष्ट्र था, जबकि दूसरे पर गुजरात व तीसरे पर कर्नाटक रहा। जबकि छठे, सातवें व आठवें नंबर पर क्रमश: उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश और हरियाणा के नाम थे। सालाना सर्वेक्षण जारी करते हुए मुख्य सांख्यिकीविद टीसीए. अनंत ने शुक्रवार को कहा कि पूंजी निवेश के पायदान पर महाराष्ट्र की सर्वाधिक 17.01 प्रतिशत की हिस्सेदारी थी। इसके बाद गुजरात की 16.08 तथा तमिलनाडु की 9.57 प्रतिशत रही। सर्वेक्षण के अनुसार समीक्षाधीन वर्ष में कुल कारखानों की संख्या 6.1 प्रतिशत की वृद्धि के साथ 1.55 लाख रही। इन कारखानों ने कुल 1.13 करोड़ लोगों को रोजगार प्रदान किया, जो 2007-08 के मुकाबले 8.37 प्रतिशत अधिक था।
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